
राज्य बजट से युवाओं को अपेक्षाएं
राज्य सरकार ने अलवर जिले में वर्षों पुरानी मांग को पूरा कर राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय की स्थापना का झुनझुना थमा दिया, लेकिन सरकार ने विश्वविद्यालय के लिए न तो पर्याप्त स्टाफ दिया और न ही पूरा बजट। हालत यह है कि विश्वविद्यालय के पास अभी तक अपना भवन तक नहीं है। हल्दीना में बनने वाले विश्वविद्यालय भवन के लिए इतनी राशि भी नहीं मिली, जिससे विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन भी तैयार हो सके।
अलवर जिले में शिक्षा क्षेत्र के बड़े प्रोजेक्ट राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय की विधिवत स्थापना सन् 2012 में हुई थी। इस विश्वविद्यालय का अपना कोई भवन तक नहीं है जिसके कारण इसका अस्थाई भवन राजकीय कला महाविद्यालय में बनाया गया है। इस विश्वविद्यालय के लिए यह भवन पर्याप्त नहीं है जिसके कारण इसे उत्तर पुस्तिकाएं भी अन्य कई भवन में रखनी पड़ रही है। इस भवन में अधिकारियों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह तक नहीं है।
चाहिए 325 करोड़, मिले केवल 5 करोड़
अलवर जिले में राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय हल्दीना में 300 बीघा में बनना प्रस्तावित है जिसके लिए करीब 325 से 400 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इसके बावजूद सरकार ने इसके भवन को बनाने के लिए बजट का प्रावधान ही नहीं रखा है। इस विश्वविद्यालय के लिए सरकार ने अभी तक मात्र 5 करोड़ रुपए ही दिए हैं जिससे इसके निर्माण का प्लान ही तैयार हो सकता है।
बजट मिले तो बने भवन और मिले पूरे संसाधन
इस बारे में मत्स्य विश्वविद्यालय संघर्ष समिति के संयोजक विष्णु चावड़ा का कहना है कि सरकार को इस बजट में मत्स्य विश्वविद्यालय को प्रारम्भ में 200 करोड़ रुपए आवंटित करना चाहिए जिससे भवन का काम हो सके। बाद में दूसरे चरण में और बजट दिया जाए। इस बारे में राजकीय गौरी देवी महिला महाविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष लता भोजवानी का कहना है कि अलवर जिले में मत्स्य विश्वविद्यालय का काम बजट के अभाव में चल नहीं रहा है। राज्य के प्रस्तावित बजट में इस बारे में ख्याल रखा जाना चाहिए। इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भी दिया जाएगा।
Published on:
08 Feb 2018 11:40 am
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