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कठोर परिश्रम कर अलवर की ऊषा ने किया ऐसा काम, अब देशभर में है पहचान

locationअलवरPublished: Apr 03, 2018 02:10:15 pm

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर की ऊषा ने अपने कठिन परिश्रम व काम से देशभर में पहचान बनाई है।

USHA OF ALWAR BECOME FAMOUS IN COUNTRY
अलवर. अक्सर लोग यही कहते हैं कि भाग्य में होगा तो अच्छे दिन अपने आप आ जाएंगे। लेकिन बहुत से लोग अच्छे दिनों के लिए भाग्य का इंतजार नहीं करते हैं बल्कि मेहनत के बल पर ही आगे बढ़ जाते हैं। उन्हीं में से एक है अलवर के डहरा गांव निवासी महिला ऊषा जिन्होंने पिछले कई सालों के कठोर परिश्रम के दम पर अपनी पहचान बनाई है। इनके हाथ से बनाए पापड़, मंगोडी लोगों को बहुत पसंद आते हैं। अलवर शहर में ही नहीं बल्कि राज्य भर में इनके बनाए उत्पादों की मांग रहती है।
ऊषा ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी । पति के पास भी कोई खास काम नहीं है। एेसे में हर दिन घर में पैसों की तंगी चलती रहती थी । बच्चों की फीस भरने के लिए आए दिन उधार लेना पड़ता था। घर का खर्चा भी पूरा नहीं होता था। पढ़ी लिखी नहीं होने के कारण कोई अच्छा काम नहीं कर पा रही थी। इससे एक दिन महिला एवं बाल विकास विभाग की महिलाओं से बात हुई तो उन्होंने महिलाओं का समूह बनाने की बात कहीं। इसके बाद महिलाओं को जोडक़र एक समूह बनाया और सबको पापड़, मंगोडी, अचार, मुरब्बा बनाना सीखाया।
शुरुआत में बिक्री कम होती थी लेकिन अब अच्छा काम मिल रहा है। ऊषा ने बताया कि अपने बच्चों का पालन पोषण वह अच्छी तरह से कर पा रही हैं। अब समूह की १५ महिलाओं को रोजगार देकर उनको आत्मनिर्भर बना रही है। उनका बनाया निशा समूह विभाग की ओर से लगाए अमृता हाट बाजार, सरकारी मेलों के अलावा अन्य मेलों में हाथ से बनाए पापड़, मंगोडी, अचार मुरब्बे बेचता है। जिनसे अच्छी आय होती है। उषा ने बताया कि जिंदगी में कोई भी काम करने में मेहनत अवश्य करनी पड़ती है। साथ ही ऊषा कहती है कि किसी भी काम को करने की कोई खास उम्र नहीं होती है।
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