भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से शनिवार को जारी आदेश में पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा को अनुशासन भंग करने का आरोप जांच के बाद प्रमाणित पाए जाने पर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है।
पिछले दिनों वायरल हुए 22 वर्ष पुराने एक पत्र के संदभ में रोहिताश्व शर्मा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद अनुशासनहीता कर चुका हो, अनुशासन की पराकाष्ठा क्रॉस कर चुका हो, वह दूसरे को अनुशासन की क्या सलाह दे सकता है, यह खेद की बात है।
वर्चुअल मीटिंग में प्रदेशाध्यक्ष व केन्द्रीय नेताओं पर साधा था निशाना भाजपा अलवर उत्तर जिला की कोरोनाकाल में हुई वर्चुअल मीटिंग में भी रोहिताश्व शर्मा ने पूनिया पर प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद एक बार भी अलवर नहीं आने तथा कोरोना के दौरान प्रदेश के तीन केन्द्रीय मंत्रियों में से किसी के भी अलवर जिले में दौरा नहीं करने पर सवाल खड़े कर आरोप लगाए थे कोरोना के दौरान इन पदाधिकारियों व केन्द्रीय मंत्रियों ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अकेला छोड़ दिया, जबकि कार्यकर्ता लोगों की सेवा में जुटे रहे। वर्चुअल मीटिंग में पार्टी नेताओं की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करने पर पार्टी की ओर से उन्हें नोटिस दिया गया, जिसका जवाब शर्मा ने पिछले दिनों ही दिया था।
प्रदेशाध्यक्ष के दौरे में रहे नदारद, बाद में लगाए आरोप भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया गुरुवार को भाजपा जिला दक्षिण की कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने आए थे। इस दौरान शर्मा नदारद रहे। प्रदेशाध्यक्ष के दौरे के बाद रोहिताश्व शर्मा ने जिला कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मंच पर जगह नहीं देने, प्रदेशाध्यक्ष की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा उन्हें अपरिपक्व नेता बताने, उनके दौरे को खानापूर्ति बताने सहित अन्य कई आरोप लगाए।
निष्कासन तक जारी रही बयानबाजी डॉ. शर्मा की भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं संगठन को लेकर विवादित बयानबाजी लगातार जारी रही। पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित होने के एक दिन पूर्व भी उन्होंने विवादित बयान दिया। बाद में शनिवार शाम को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की ओर से उनके निष्कासन के आदेश जारी कर दिए गए।