अलवर

टशन जमाने के लिए एसयूवी सेगमेंट की गाडिय़ां अपना रहे युवा

अलवर जिले में भी युवाओं में एसयूवी मॉडल की गाडिय़ों का क्रेज लगातार तेजी से बढ़ रहा है।

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Jun 19, 2023
टशन जमाने के लिए एसयूवी सेगमेंट की गाडिय़ां अपना रहे युवा

अलवर जिले में हरियाणा और मेवाती दोनों ही कल्चर हैं। यहां के लोगों में महंगी और ऊंची गाडिय़ां स्टेटस सिम्बल बनती जा रही है। ठेकेदारी, प्रोपर्टी और राजनीति आदि प्रोफेशन से जुड़े लोग ज्यादातर हैचबैक और सेडान गाडिय़ों की बजाय ऊंची एसयूवी मॉडल की गाडिय़ां ज्यादा खरीद रहे रहे हैं। ताकि प्रोफेशन के हिसाब से एसयूवी मॉडल की गाड़ी से उनका टशन जम सके। वहीं, युवा भी एसयूवी मॉडल की गाडिय़ों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
ऑफ रोङ्क्षडग के लिए भी बेहतर है एसयूवी : अलवर की सडक़ों की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। काफी रोड ऐसी हैं, जो कि ऊबड़-खाबड़, कच्ची-पक्की हैं और उनमें काफी गड्ढे हैं। ऐसे मार्गों पर हैचबैक और सेडान मॉडल की गाडिय़ां नीची होने के कारण जमीन से टच हो जाती है। जिससे गाडिय़ों में नुकसान खतरा बना रहता है। एसयूवी गाडिय़ां ऊंची होने के कारण इन रास्तों और गड्ढों में आसानी से निकल जाती है। गाडिय़ों के जमीन से टच होने का भी डर नहीं रहता है। वहीं, ऑफ रोङ्क्षडग के हिसाब से भी एसयूवी गाडिय़ां काफी बेहतर रहती हैं।

ये हैं गाडिय़ों के प्रकारहैचबैक
हैचबैक की लम्बाई लगभग 5 मीटर की होती हैं। इसमें 4-5 लोग आराम से बैठ सकते हैं। इसमें पैर फैलाने की जगह नहीं होती हैं। विकासशील देशों में यह बहुत प्रचलित होती हैं।
सेडान : एक सेडान और एक हैचबैक के बीच एकमात्र अंतर यह है कि सेडान में आप पैरों को सीधे करके आराम से बैठ सकते हैं। इनकी लम्बाई 4 मीटर से अधिक होती हैं।
एसयूवी :
यह गाडी कच्ची सडक़ों पर चलने के लिए उपयुक्त हैं। इनमें 4 व्हील ड्राइव होती है। जिस कारण से यह कच्चे रास्तों से आसानी से निकल जाती हैं। इसमें 5 से 7 लोग आराम से बैठ सकते हैं। यह गाड़ी •ामीन से ऊंची होती हैं।
एमपीवी : यह गाडिय़ां मॉडल की एसयूवी जैसी ही होती हैं पर इसमें बैठने के लिए एक अतिरिक्त पंक्ति होती हैं। इनकी •ामीन से ऊंचाई भी एसयूवी के मुकाबले थोड़ी काम होती हैं। इसमें आराम से 8 लोग बैठ सकते हैं।
लक्जरी कार : यह गाडिय़ां ज्यादा आरामदेय होती हैं। इनका इंजन ज्यादा बड़ा होता हैं और इसमें ज्यादा सुरक्षा का इंत•ााम होता हैं।
कन्वर्टबल : इन गाडिय़ों की छत हटाई जा सकती हैं। भारत एक गर्म देश है। इसलिए यहां पे यह इतनी प्रचलित नहीं हैं।

Published on:
19 Jun 2023 02:02 am
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