इसी तरह से बहुत से परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका में बड़ा घपला किया गया था, जिसमें 122 अंक पाने वाले अंकित वर्मा को मात्र 22 अंक देकर फेल घोषित किया गया था। मोहम्मद अजमल अशरफ को 96 अंक मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें 39 अंक देकर फेल कर दिया गया था। इसी तरह सैकड़ों ऐसे अभ्यर्थी थे , जिनका आरोप था कि उन्हें जितना अंक मिलना चाहिए था वह नहीं मिला है।
अभ्यर्थियों को इस तरह घपलेबाजी का चला पता शिक्षक भर्ती के लिए जो परीक्षा आयोजित की गई थी, उसमें बहुत से अभ्यर्थियों ने सुविधानुसार उत्तर पुस्तिका की कार्बन कॉपी तैयार की थी। जानकारी के अनुसार परिणाम घोषित करने से पहले विभाग द्वारा प्रश्नों के सही उत्तर प्रकाशित किये गए थे, जिसके आधार पर सभी अभ्यर्थी अपना मिलान करके प्राप्त होने वाले अंक की जानकारी कर लिए थे, लेकिन जब परीक्षा परिणाम आया तो इनमें से बहुत के होश उड़ गए क्योंकि इनको जो अंक मिलने चाहिए थे वह न मिलकर काफी कम अंक देकर फेल घोषित कर दिया गया था। इसकी शिकायत इन लोगों ने लिखित रूप से की, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर ये लोग इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दाखिल की और हाइकोर्ट के निर्देश पर रिट करने वाले अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका का स्कैन शीट देने का निर्देश दिया गया था।
रिजल्ट में घपलेबाजी के आरोप में शासन ने सचिव को किया निलंबित बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की शिकायत के आधार पर शासन ने परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव सुत्ता सिंह को निलंबित कर एक जांच कमेटी गठित कर दी गई, लेकिन लखनऊ से इधर सुत्ता सिंह को शासन ने निलंबित किया और उधर इलाहाबाद के अपने कार्यालय में किये गए घपलेबाजी को मिटाने का प्रयास शुरू कर दिया गया। इसी दिन हाईकोर्ट के निर्देश पर बहुत से अभ्यर्थी दो-दो हजार रुपये जमा कर अपनी उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी लेने के लिए पहुंचे थे। इन्ही में एक प्रत्यक्ष दर्शी ने परीक्षा नियामक प्राधिकरण के कार्यालय की जो कहानी बताई, उसे सुनकर इस परीक्षा प्रणाली के भ्रष्टाचार की पूरी कलई खुल गई।
अम्बेडकर नगर निवासी मोहम्मद अजमल अशरफ नाम के इस अभ्यर्थी ने बताया कि जब वे लोग कार्यालय में अपनी उत्तर पुस्तिका की स्कॅन कॉपी मिलने की प्रतीक्षा कर रहे थे, उस समय सचिव सुत्ता सिंह वहां मौजूद थीं और चैनल में ताला बंद था। उसने बताया कि थोड़ी देर बाद सचिव तो चली गईं, लेकिन कार्यालय के पीछे के हिस्से से थोड़ी देर बाद धुंआ उठना शुरू हो गया और धुंआ देखकर कुछ लोग जब पीछे पहुंचे तो वहां कार्यालय के कुछ लोग ढेर सारे अभिलेख जला रहे थे और ये लोग जब पास पहुंच कर जब देखा तो बहुत सारे अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका जलाई जा रही थी। इन अभ्यर्थियों के पहुंचने से परीक्षा नियामक प्राधिकरण के कर्मचारी वहां से भाग लिए, लेकिन इस आगजनी का वीडियो कैमरे में कैद हो गया।