
Protest in Surguja university
अंबिकापुर. सरगुजा विश्वविद्यालय पर कॉलेज के विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने इस दौरान कुलसचिव के कक्ष में चूडिय़ां भी फेंकीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में हर काम सेंटिंग से हो रहे हैं।
अधिकारी छात्र-छात्राओं की जगह विधायक व चंद नेताओं के इशारे पर काम कर रहे हैं। पिछले दरवाजे से यहां हर काम हो रहा है। उन्होंने विवि में ओएसडी के पद पर पदस्थ डीपीएस तिवारी के 70 साल के उम्र के बाद भी जमे होने पर सवाल उठाए।
इधर कॉलेजों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन रजिस्टे्रशन में हो रही असुविधा व भारी फीस वसूली पर भी नाराजगी जताई। छात्र नेताओं ने इस दौरान विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
सरगुजा विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली से व्यथित अभाविप के छात्र नेता शुक्रवार की दोपहर कुलपति का घेराव करने पहुंचे थे। इस दौरान कुलपति के कक्ष में नहीं मिलने पर उन्होंने कुलसचिव कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने तथा हर काम सेटिंग से करने का आरोप लगाया।
विश्वविद्यालय में व्याप्त समस्याओं पर भी वे जमकर बिफरे। इस दौरान उन्होंने कुलसचिव कक्ष में चूडिय़ां भी फेंकीं और जमकर नारेबाजी की। इस समय कक्ष में विवि के कई अधिकारी मौजूद थे। सूचना पर मणिपुर चौकी पुलिस विश्वविद्यालय पहुंची और छात्र नेताओं को कुलसचिव के कक्ष से बाहर निकाला गया।
इसके बाद कुलसचिव से उन्होंने समस्याओं के संबंध में फेस-टू-फेस बात की। उन्होंने कहा कि यदि विवि प्रबंधन अपनी तानाशाह रवैय्ये से बाज नहीं आता है तो वे कुलपति व कुलसचिव के इस्तीफे की मांग करेंगे। उन्होंने कुलपति के नाम अपनी मांगों का उन्हें ज्ञापन भी दिया।
प्रदर्शन करने वालों में विभाग संयोजक निशांत गुप्ता, सहसंयोजक निलेश गुप्ता, जिला संयोजक शुभम सिंह भदौरिया, जिला सहसंयोजक उपेंद्र यादव, संतोष गुप्ता, अनिकेत गुप्ता, अश्विनी चौबे, राकेश कश्यप, प्रिंस तिवारी, कमलेश घोष, शुभम प्रजापति, नितीश पांडेय, चंदन मिश्रा, अनिश यादव, अनुपम, अनुभव, अविनाश पांडेय, अफजल अंसारी, मुकेश विश्वकर्मा, केशव यादव, अंकित वैद्य सहित काफी संख्या में छात्र नेता शामिल थे।
अभाविप ने लगाए ये आरोप
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऑनलाइन प्रक्रिया सुचारु ढंग से संचालित करने में असमर्थ है। परीक्षा मार्च माह में लिए जाने के बावजूद अब तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं।
जिन कक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित भी हुए हैं उनका रिजल्ट काफी खराब आया है। परीक्षा परिणाम देर से घोषित करने के कारण आगे की पढ़ाई के लिए एडमिशन में परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज में कई विद्यार्थियों के जीरो माक्र्स आए हैं।
70 साल के ओएसडी हैं पदस्थ
अभाविप पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय में ओएसडी के रूप में पदस्थ डीपीएस तिवारी की पदस्थापना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 70 साल से अधिक उम्र होने के बावजूद ओएसडी का कार्यकाल विवि प्रबंधन द्वारा हर साल बढ़ाया जाता है।
सेटिंग के कारण ऐसा हो रहा है। इस दौरान ओएसडी की छात्र नेताओं से तू-तू-मैं-मैं भी हो गई। ओएसडी का कहना था कि उन्होंने भी काफी नेतागिरी की है। उन्होंने जिस कॉलेज से पढ़ाई की है वहां से काफी नेता निकले हैं।
Published on:
27 Jul 2018 04:00 pm
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