ग्रामीणों ने बताया कि वर्षभर में 70 से 75 दिन ही कार्य उपलब्ध हो पाते हैं, वहीं मजदूरी भुगतान भी कई बार महीनों बाद होता है। कभी-कभी 6 महीने, वर्ष भर भी लग जाते हैं। शफी अहमद ने बताया कि मजदूरों द्वारा दी गई जानकारी की रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली भेजी जाएगी तथा महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत 100 दिन कार्य निश्चित रूप से मिले, मजदूरी का भुगतान समय पर हो, इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा।