
अंबिकापुर. CG arrow attack: बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर इलाके में 27 जून की शाम मामूली बात पर पिता-पुत्र भिड़ गए। इस दौरान शराब के नशे में धुत पिता ने बनारस जा रहे बेटे के ऊपर तीर से हमला कर दिया। तीर सीधे सीने में घुस गया। इससे वह मूर्छित होकर जमीन पर गिर गया। सीने में धंसे तीर के साथ परिजन उसे स्थानीय अस्पताल ले गए। यहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों ने 2 घंटे ऑपरेशन कर तीर (CG arrow attack) बाहर निकाला। इसके बाद भी युवक की स्थिति नाजुक बनी हुई है।
अर्जुन लाल (25) पिता रतन लाल बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। अर्जुन 27 जून की शाम को अपने भाई के साथ काम करने बनारस जाने वाला था। इससे पूर्व अर्जुन ने पिता से कहा कि आप भी काम करने चलो। पिता शराब के नशे में था। बेटे द्वारा काम करने जाने की बात कहना उसे अच्छा नहीं लगा और गाली-गलौज शुरु कर दी।
उसने कहा कि हमसे बुजुर्ग अवस्था में भी काम कराओगे। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और मारपीट करने लगे। घर वालों द्वारा बीच-बचाव करने के बाद मामला शांत हुआ।
इसके बाद अर्जुन अपने भाई के साथ बाइक से बनारस जाने घर से निकल ही रहा था कि पिता ने उस पर तीर से हमला (CG arrow attack) कर दिया। तीर बेटे के सीने के बीचों-बीच जा घुसा और वह मूर्छित होकर जमीन पर गिर गया।
तीर लगने से गंभीर रूप से घायल युवक को इलाज के लिए परिजन वाड्रफनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। यहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देख मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया। फिर परिजन उसी हालत में उसे लेकर अंबिकापुर पहुंचे।
परिजन 28 जून की सुबह 6 बजे अर्जुन को तीर लगे स्थिति में लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। आपातकालीन ड्यूटी में पदस्थ चिकित्सकों द्वारा मामले की जानकारी सीनियर चिकित्सकों को दी गई।
सीनियर चिकित्सक के आने के बाद उसका उपचार शुरू किया गया। सर्जन विभाग के एचओडी डॉ. एसपी कुजूर व अन्य चिकित्सकों की उपस्थिति में उसका ऑपरेशन किया गया। करीब 2 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद अर्जुन के सीने से तीर बाहर निकाला गया।
चिकित्सकों का कहना है कि लगभग 5 इंच लंबा तीर युवक के सीने में धंसा हुआ था। जख्म काफी अंदर तक हो गया था, इसलिए उसकी स्थिति अभी भी नाजुक है। उसे डॉक्टरों की विशेष निगरानी में आईसीयू में रखा गया है।
अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे बेटे की देखभाल के लिए मां साथ आई है। एफआईआर को लेकर पूछे जाने पर उसने कहा कि बेटा व पति दोनों ही मेरे हैं। अब यहां से स्वस्थ होकर अगर घर जाते हैं तो आगे की कार्रवाई के लिए सोचेंगे।
Published on:
29 Jun 2024 08:09 pm
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