अंबिकापुर

‘आम नागरिकों के मौलिक व संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित करने का कानून है यूसीसी’

भारत के 22 वें विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता पर सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों से मांगे जा रहे सुझावों के क्रम में हिंदू जागरण मंच सरगुजा ने संगम चौक से घड़ी चौक व महामाया चौक तक पदयात्रा की।

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‘आम नागरिकों के मौलिक व संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित करने का कानून है यूसीसी’

अंबिकापुर। भारत के 22 वें विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता पर सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों से मांगे जा रहे सुझावों के क्रम में हिंदू जागरण मंच सरगुजा ने संगम चौक से घड़ी चौक व महामाया चौक तक पदयात्रा की। इस दौरान व्यवसायियों व आम नागरिकों को यूसीसी के महत्व को रेखांकित करता हुआ 13 बिंदुओं का पत्रक वितरित कर अपने मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर द्वारा ईमेल या उपलब्ध लिंक के माध्यम से समान नागरिक संहिता पर अपने सुझाव व विचार 13 जुलाई तक भेजने का निवेदन किया गया।

इसी परिप्रेक्ष्य में महामाया चौक व घड़ी चौक पर नुक्कड़ सभा का आयोजन कर वक्ताओं द्वारा इसके महत्व पर आम नागरिकों के साथ जानकारी साझा की। अतिथि वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने कहा कि हिंदू जागरण मंच द्वारा यह कार्यक्रम एक पवित्र उद्देश्य को लेकर किया जा रहा है। यह सौभाग्य है कि हम सब समान नागरिक संहिता के साक्षी बनने जा रहे हैं।

यह कानून लागू होने के बाद शादी, तलाक, दहेज उत्तराधिकार के मामलों में हिंदू मुसलमान और ईसाइयों पर एक समान कानून लागू होगा। न्यायपालिका पर दबाव कम होगा और धर्म के कारण वर्षों से लंबित प्रकरणों का शीघ्रता से निष्पादन होगा। साथ ही कोई भी आसानी से धर्म के नाम पर राजनीति नहीं कर पाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक दुबे ने कहा कि इस कानून के आने के बाद सभी धर्मों के पर्सनल ला बोर्ड समाप्त हो जाएंगे और सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून बन जाएगा। साथ में सभी के लिए अलग-अलग अदालतों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रह्मा शंकर सिंह ने कहा कि समान नागरिक संहिता धर्म की परवाह किए बिना सभी नागरिकों के व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने के लिए कानूनों का एक सेट रखती है और यही व्यवस्था वर्तमान की मांग है जो सुनिश्चित करता है कि आम नागरिकों के मौलिक व संवैधानिक अधिकार सुरक्षित हैं। हिंदू जागरण मंच के संयोजक निलेश सिंह ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य विभिन्न धर्म समुदायों पर लागू विभिन्न कानून जो एक दूसरे के साथ असंगत हैं को एक माला में पिरोकर उन्हें प्रतिस्थापित करना है। नुक्कड़ सभाओं का संचालन सरगुजा के साहित्यकार विनोद हर्ष ने किया।

इस अवसर पर सुभाष अग्रवाल, अशोक दुबे, लेख राज अग्रवाल, निलेश सिंह, विद्यानंद मिश्रा, विनोद हर्ष, जन्मेजय मिश्रा, वेदप्रकाश शर्मा, अनिल तिवारी, गोल्डी बिहाड़े, अजित अग्रवाल, निश्चल सिंह, शैलु सिंह, विकास वर्मा, विशाल गोस्वामी, अवधेश सोनकर, मधु चौदहा, श्वेता गुप्ता, रश्मि जायसवाल, ममता तिवारी, राजेश सिंह, सतेन्द्र सिंह, कृष्ण कुमार मिश्रा, विनोद सिंह, किशोर सिंह, दीपक गर्ग, मनोज कंसारी, अनुज सिंह, राघवेंद्र सिंह, दिवस दुबे, मुकेश अग्रवाल, राम सिंहदेव, शंभू सोनी, अंकित जायसवाल, अभय सिंह, सोनू कश्यप, काशी केशरी, मनोज प्रसाद, अनुज तिवारी, मार्कंडेय तिवारी, प्रियांशु अग्रवाल, राजन कंसारी, अजय सिंह, जतिन परमार, दिब्यांशु केशरी, संतोष सिंह, बबलू सिंह सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे।


‘राष्ट्रीय एकता को मिलेगा बढ़ावा’
वरिष्ठ अधिवक्ता विद्यानंद मिश्रा ने कहा कि विभिन्न धर्म, संस्कृति, रीति- रिवाज वेशभूषा के इस देश में राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए समान नागरिक संहिता कानून की आवश्यकता है। हिंदू जागरण मंच की सह संयोजक श्वेता गुप्ता ने कहा कि यह कानून महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। यह पारिवारिक कानून में महिलाओं के लिए समान अधिकारों की गारंटी देने का साधन बनेगा।

Published on:
11 Jul 2023 08:32 pm
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