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सौरमंडल की पहेलियां सुलझाएगा बेन्नू उल्कापिंड का सैंपल

जय विज्ञान : 77,261,032 किलोमीटर के सफर के बाद कल पृथ्वी पर उतरेगा यान, 2016 में नासा ने लॉन्च किया था अपने किस्म का पहला मिशन

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सौरमंडल की पहेलियां सुलझाएगा बेन्नू उल्कापिंड का सैंपल

सौरमंडल की पहेलियां सुलझाएगा बेन्नू उल्कापिंड का सैंपल

वॉशिंगटन. नासा का ऑसिरिस-रेक्स यान बेन्नू नाम के उल्कापिंड के सैंपल लेकर पृथ्वी पर लौटने वाला है। इसके रविवार को अमरीका के यूटा में उतरने की संभावना है। नासा इस महत्त्वपूर्ण घटना का लाइव प्रसारण करेगा। यान जो सैंपल ला रहा है, उसे अब तक का सबसे बड़ा एस्टेरॉयड सैंपल बताया जा रहा है। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह सैंपल सौरमंडल और एस्टेरॉयड से जुड़ी कई पहेलियों के सुलझाने में मददगार होगा। भविष्य में सौरमंडल पर क्या प्रभाव होंगे, इसकी भी जानकारी मिल सकेगी।

नासा ने ऑसिरिस-रेक्स मिशन 2016 में लॉन्च किया था। उल्कापिंड के सैंपल पृथ्वी पर लाने के लिए यह नासा का पहला मिशन है। बेन्नू पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच सबसे बड़ा उल्कापिंड है। यह पृथ्वी से 7,72,61,032 किलोमीटर दूर है। ऑसिरिस-रेक्स यान 2020 में इस उल्कापिंड पर पहुंचा था और सैंपल लेकर मई 2021 में पृथ्वी के लिए रवाना हुआ। सैंपल करीब 250 ग्राम का है। नासा के मुताबिक पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते समय यान की रफ्तार 44,498 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। उल्कापिंड के सैंपल से सौरमंडल की उत्पत्ति और विकास के बारे में नई जानकारियां मिल सकती हैं।

यान ने 1.6 फीट की गहराई से लिया सैंपल

नासा के मुताबिक ऑसिरिस-रेक्स यान ने उल्कापिंड की 1.6 फीट की गहराई से सैंपल लिया। यह उल्कापिंड ज्यादा सख्त नहीं है। बेन्नू से उड़ान भरने के बाद मिनी फ्रिज के आकार वाले यान ने दो बार सूर्य के चक्कर लगाए। यान का वजन 45 किलोग्राम है। यह राइफल बुलेट से 15 गुना तेज रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। इसमें एक तरफ हीटशील्ड लगी है, जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय इसे जलने से बचाएगी।

पैराशूट के जरिए घटाई जाएगी रफ्तार

ऑसिरिस-रेक्स मिशन के प्रोग्राम मैनेजर सैंड्रा फ्रायड ने बताया कि एक पैराशूट के जरिए यान के गिरने की रफ्तार को 18 किलोमीटर प्रति घंटे तक लाया जाएगा। यान को इस तरह डिजाइन किया गया कि यह लावा से दोगुना ज्यादा तापमान बर्दाश्त कर सकता है। यान यूटा के ग्रेट सॉल्ट लेक रेगिस्तान में उतरने के आसार है। यह रेगिस्तान प्रचंड गर्मी और नमक उत्पादन के लिए जाना जाता है।