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जाकिर नाईक को इंटरपोल से राहत, रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से किया इनकार

इंटरपोल ने कहा है कि जाकिर नाईक के खिलाफ भारत में न तो कोई चार्जशीट दाखिल की गई है और न ही भारत की किसी अदालत में उसपर केस चल रहा है।

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Kapil Tiwari

Dec 17, 2017

Zakir Naik

Zakir Naik

नई दिल्ली: पिछले काफी समय से मुश्किलों का सामना कर रहे विवादित इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नईक को इंटरपोल से राहत मिली है। दरअसल, इंटरपोल ने जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया है और बताया जा रहा है कि ये फैसला इंटरपोल ने इस मामले में अभी तक जरूरी कार्रवाई के अभाव को देखते हुए लिया है। इंटरपोल का कहना है कि जाकिर नाईक के खिलाफ अभी तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, इसलिए कोई रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया जा सकता।

इंटरपोल ने दी है ये दलील
आपको बता दें कि भारतीय एजेंसियों के लिए ये एक बड़ा झटका है। भारत ने इंटरपोल से ये आग्रह किया था कि जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाए। इंटरपोल का कहना है कि जाकिर के खिलाफ न तो एनआईए ने अभी तक कई चार्जशीट दाखिल की है और न ही उसके खिलाफ भारत की किसी अदालतों में मुकदमा दर्ज है। अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी में एनआईए ने सीबीआई के जरिए इस अनुरोध को भेजा था। एनआईए ने इस साल मई में ये अर्जी दाखिल की थी।

इन आरोपों से घिरा है जाकिर नाईक
शनिवार को इंटरपोल ने जाकिर नाइक को क्लीन चीट देते हुए सभी कार्यालयों को निर्देश दिया कि नाइक से संबधित सारे डेटा हटा दें। आपको बता दें कि जांच एजेंसी एनआईए ने जाकिर नाइक पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए हैं। जिसके तहत एजेंसी ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी, ताकि उसे गिरफ्तार कर जांच के लिए भारत लाया जा सके।

क्या है इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस
इंटरपोल को इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन कहा जाता है, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों की पुलिस के साथ तालमेल बिठाने का काम करती है और इन सभी देशो में जिनकी पुलिस के बीच समन्वय का काम इंटरपोल करती है वह वो देश है जो इस संस्था के सदस्य है। इस संस्था का गठन 1923 में International Criminal Police Commission के तौर पर हुआ था, लेकिन 1956 में इसे इंटरपोल नाम दे दिया गया।

इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस सबसे अलग लेवल का होता है और यह सदस्य देशो में किसी खूंखार अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए जारी किया जाता है। रेड कॉर्नर नोटिस के तहत किसी देश का अपराधी किसी दूसरे देश में अगर जाकर छिप जाता है तो वहां की पुलिस उसे गिरफ्तार कर उस देश की पुलिस को सौंप देती है, जहां का वो अपराधी होता है। यहां भारत ने जाकिर नाईक के खिलाफ इंटरपोल में यही अर्जी लगाई थी कि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाए। अमूमन ऐसा होता है कि अगर कोई अपराधी अपराध करने के बाद देश को छोड़कर किसी अन्य देश में चला जाता है तो ऐसे अपराधी को पकड़ने के लिए सरकार दूसरे देश की पुलिस की मदद लेने के लिए इंटरपोल का red corner notice जारी करवाती है।