ओजोन छिद्र 2060 तक गायब हो जाना चाहिए इक्वाडोर के क्विटो में सोमवार को हुए एक कार्यक्रम में वैज्ञानिको के मुताबिक, इसका परिणाम यह होगा कि 2030 तक ऊत्तरी गोलार्ध के ऊपर ओजोन की ऊपरी परत पूरी तरह दुरुस्त हो जाएगी। अंटार्टिक ओजोन छिद्र 2060 तक गायब हो जाना चाहिए। वहीं दक्षिणी गोलार्ध में यह प्रक्रिया कुछ धीमी है और उसकी ओजोन परत सदी के मध्य तक ठीक हो पाएगी।
पराबैंगनी किरणें त्वचा के कैंसर के लिए जिम्मेदार नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के प्रमुख पृथ्वी वैज्ञानिक के अनुसार अगर ओजोन को क्षीण बनाने वाले तत्व बढ़ जाते हैं तो यहां भयावह प्रभाव देखने को मिल सकते थे। हमने उसे रोक दिया।’ओजोन पृथ्वी के वायुमंडल की वह परत है जो हमारे ग्रह को पराबैंगनी प्रकाश (यूवी किरणों) से बचाती है। पराबैंगनी किरणें त्वचा के कैंसर,फसलों को नुकसान और अन्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार होती है।