
नई दिल्ली।
अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता पर काबिज हुए दो महीने से अधिक का वक्त गुजर चुका है। इस बीच तालिबान ने वहां अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है।
दूसरी ओर, अमरीकी सेना को अफगानिस्तान से वापस हुए दो महीने से भी कम का वक्त हुआ है कि एक शीर्ष अमरीकी राजदूत ने इस्तीफा दे दिया है।
जालमय खलीलजाद ने तालिबान के साथ अमरीकी वार्ता का नेतृत्व किया था, लेकिन महीनों से चली कूटनीतिक वार्ता भी तालिबान को कब्जे से रोकने में विफल रही।तालिबान ने राजधानी काबुल पर अगस्त में कब्जा कर लिया था।
अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जालमय खलीलजाद के डिप्टी थॉमस वेस्ट उनकी जगह लेंगे।
70 वर्षीय जालमय खलीलजाद का जन्म अफगानिस्तान में हुआ था और काबुल में उनकी परवरिश हुई थी। वह एक अनुभवी अमरीकी राजनयिक हैं जो पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, बराक ओबामा और जॉर्ज बुश के कार्यकाल में पद संभाल चुके हैं।
उन्होंने खलीलजाद के इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, मैं अमरीकियों के लिए उनकी दशकों की सेवा के लिए अपना आभार व्यक्त करता हूं। एंटनी ब्लिंकन को लिखे एक पत्र में खलीलजाद ने स्वीकार किया कि अफगान सरकार और तालिबान के बीच राजनीतिक समझौता जैसा सोचा था उसके अनुसार आगे नहीं बढ़ा।
उन्होंने कहा, इसकी वजहें बहुत जटिल हैं और मैं इस पर अपने विचार आने वाले दिनों और हफ्तों में रखूंगा। खलीलजाद ने कहा कि जैसा कि अमरीका हमारी अफगानिस्तान नीति के नए चरण में प्रवेश कर रहा है तो वो अपने पद से हट रहे हैं।
Published on:
19 Oct 2021 11:47 am
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