राजस्थान में खनन क्षेत्र को पारदर्शी, विवादरहित और पेपरलेस बनाने के लिए खान विभाग साल के अंत तक तुलाई कांटे, व्हीकल ट्रैकिंग और जीपीएस आधारित ऑनलाइन सिस्टम लागू करने की तैयारी में है।
जयपुर. राजस्थान में खनन क्षेत्र को पारदर्शी, विवादरहित और पेपरलेस बनाने के लिए खान विभाग साल के अंत तक तुलाई कांटे, व्हीकल ट्रैकिंग और जीपीएस आधारित ऑनलाइन सिस्टम लागू करने की तैयारी में है। इससे खनिज परिवहन और रॉयल्टी संग्रह की प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढाने का दावा किया जा रहा है। तुलाई कांटे, व्हीकल ट्रैकिंग और जीपीएस सिस्टम से पारदर्शी मॉनिटरिंग होगी।
खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने शुक्रवार को विभागीय समीक्षा बैठक में ऑनलाइन मॉड्यूल्स की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि खनिजों की तुलाई, रॉयल्टी की वसूली और खनन परिवहन से जुड़ी अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इसके तहत रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) डिवाइस सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे खानधारकों के कार्य सरल होंगे और राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।
विभागीय आईटी टीम 22 मॉड्यूल्स पर कार्य कर रही है। इनमें ऑनलाइन माइनिंग प्लान स्वीकृति और नोड्यूज जारी करना पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। जो मॉड्यूल्स कार्यरत हैं, उनके सभी कार्य अब ऑनलाइन ही किए जाएं। निदेशक माइन्स महावीर प्रसाद मीणा ने कहा कि तैयार मॉड्यूल्स को फील्ड स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मॉनिटरिंग और एनालिसिस सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। बैठक में अतिरिक्त निदेशक शीतल अग्रवाल, अरविन्द सारस्वत, महेश माथुर, आलोक जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।