
फाइल फोटो: पत्रिका
Rajasthan Is Mineral Hub Of India: देश का ‘मिनरल हब’ कहलाने वाला राजस्थान अब क्रिटिकल मिनरल्स की दौड़ में सबसे आगे निकलने को तैयार है। केंद्र सरकार के ‘नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन’ में प्रदेश को प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हाल ही में राजस्थान की अहमियत पर जोर दे चुके हैं।
राजस्थान की धरती अब नए जमाने की तकनीक, ग्रीन एनर्जी, रक्षा और आर्थिक सुरक्षा की रीढ़ साबित हो सकती है। खास बात यह है कि सोने की खदानों के भीतर ही कॉपर, निकल और कोबाल्ट जैसे रणनीतिक खनिजों के बड़े भंडार मौजूद हैं।
अब तक इन खनिजों का पूरा दोहन नहीं हो पाया था लेकिन राष्ट्रीय मिशन से अब यह काम तेजी पकड़ेगा। इससे खनन और उद्योग जगत में निवेश बढ़ेगा, ग्रामीण स्तर पर रोजगार मिलेगा, राज्य सरकार की आमदनी बढ़ेगी और सप्लाई चेन भी मजबूत होगी।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, 'मिशन के तहत राज्य सरकार विशेष तैयारी कर रही है। हमारी प्राथमिकता है कि केंद्र का फोकस राजस्थान पर ही रहे। खनन क्षेत्र की तरक्की से ही प्रदेश की आर्थिक सेहत को स्थाई मजबूती मिल सकती है।'
अधिकारी यह भी बताते हैं, 'अकेले घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा क्षेत्र में ही गोल्ड खनन के दौरान 1.74 लाख टन से अधिक कॉपर, 9700 टन से अधिक निकल और 13,500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज मिलने का भी आकलन लगाया गया है। यहां तांबे की खोज के दौरान गोल्ड भंडार मिले हैं।'
डिजिटल सेक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी, बैटरी निर्माण और रक्षा उत्पादन जैसे क्षेत्रों के लिए राजस्थान से सीधी सप्लाई संभव होगी। आने वाले समय में राजस्थान का मिनरल न सिर्फ लोकल मार्केट बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी प्रदेश की भूमिका और अधिक मजबूत होगी।
क्रिटिकल मिनरल ऐसे खनिज हैं जिनकी औद्योगिक, रक्षा, टेक्नोलॉजी और ऊर्जा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें लिथियम, कोबाल्ट, निकल, ग्रेफाइट, रेयर अर्थ, टंगस्टन, जिंक, सोना, चांदी, फॉस्फोराइट शामिल हैं। इनकी वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है और भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में इनका दोहन अहम है। इन खनिजों की खोज अब राजस्थान में और तेज होगी।
प्रदेश में गोल्ड मिश्रण में कॉपर, निकल और कोबाल्ट भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। इससे देश और प्रदेश में इलेक्ट्रोनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योग लगेंगे। प्रदेश में भारी निवेश होगा और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। कॉपर मिलने से कॉपर इण्डस्ट्रीज के साथ ही कॉपर की इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी। निकल से बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढलाई, इलेक्ट्रोनिक उद्योग लग सकेंगे। कोबाल्ट एयर बैग और पेट्रोकेमिकल उद्योग में काम में लिया जा सकेगा।
Published on:
03 Sept 2025 08:51 am
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