दवा के अवैध सिंडिकेट को तोड़ने के लिए एसटीएफ ने गजब की प्लानिंग की। एसटीएफ के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने आपरेशन ट्रैप चलाया और दवा कारोबारी को 1 करोड़ की रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया।
आगरा : दवा के फर्जी सिंडिकेट को तोड़ने के लिए एसटीएफ ने एक जाल बिछाया। एसटीएफ के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने इस पूरे जाल का ताना बाना बुना और इसकी जानकारी अपने अधिकारियों को दी। एडीशनल एसपी राकेश यादव की अगुवाई में इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
कैंट रेलवे स्टेशन पर नकली दवाओं की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद STF और औषधि विभाग की टीमें दवा बाजार में लगातार छापेमारी कर रही थीं। इसी दौरान दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल ने STF इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा को एक करोड़ रुपये की रिश्वत का लालच दिया, ताकि वह जांच से बच सके। लेकिन इंस्पेक्टर शर्मा, जो पूर्व में एंटी करप्शन यूनिट में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, ने इस ऑफर को अपने जाल में बदल दिया।
STF ने इस ऑपरेशन को पूरी गोपनीयता के साथ अंजाम दिया और इसे आपरेशन ट्रैप नाम दिया। इंस्पेक्टर शर्मा ने कारोबारी से लगातार संपर्क बनाए रखा और उसे विश्वास दिलाया कि मामला 'सेट' हो सकता है। इस बीच, उन्होंने एडीशनल एसपी राकेश यादव और एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश को मामले की पूरी जानकारी दी। दोपहर 12 बजे से शुरू हुए ऑपरेशन में चार घंटे के भीतर हिमांशु ने एक करोड़ रुपये इकट्ठा कर लिए और कोतवाली क्षेत्र में पहुंच गया। बैगों में 500-500 के नोट भरे थे। STF की टीम, जिसमें बस्ती के सहायक आयुक्त औषधि भी शामिल थे, ने मौके पर ही उसे धर दबोचा।
कोतवाली थाने में जब बैग खोले गए, तो नोटों का ढेर देख पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए। रकम इतनी ज्यादा थी कि देर रात नोट गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। इस ऑपरेशन में STF के हेड कांस्टेबल अंकित गुप्ता, प्रशांत चौहान, अमित सिंह, दिनेश गौतम और कांस्टेबल हरपाल ने अहम भूमिका निभाई।
हिमांशु अग्रवाल ने कई लोगों से फोन करवाकर और वाट्सएप पर सीधे बात करके इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा को मैनेज करने की कोशिश की। उसका मानना था कि मामला सेट हो गया है। लेकिन इंस्पेक्टर शर्मा ने अपनी चतुराई से कारोबारी को जाल में फंसाया और अधिकारियों के साथ मिलकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
STF की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। अलग-अलग यूनिट्स द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए किए गए ट्रैप में इतनी बड़ी रकम की बरामदगी पहले कभी नहीं हुई। हिमांशु अग्रवाल से पूछताछ में नकली दवा सिंडिकेट से जुड़े अन्य कारोबारियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।