-साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस टीम ने की कार्रवाई, पकड़े गए आरोपियों में बैंक कर्मचारी भी दुबई में बैठे ठग गिरोह को उपलब्ध कराए बैंक अकाउंट, पैसे भी निकाल कर क्रिप्टो करेंसी, आंगडिया के जरिए पहुंचाने का आरोप
Ahmedabad. देशभर के लोगों से साइबर ठगी के जरिए 719 करोड़ रुपए ऐंठने वाले शातिर गिरोह से लिप्तता के आरोप में 10 लोगों को गुजरात पुलिस के साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने पकड़ा। पकड़े गए आरोपियों में बैंक कर्मचारी, साइबर ठग गिरोह को ठगी के लिए बैंक अकाउंट देने वाले, उसमें जमा पैसे को निकाल कर उसे क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट करके और आंगडिया से दुबई में बैठे चीनी साइबर ठग गिरोह तक पहुंचाने में मदद करने वाले शामिल हैं।
साइबर सेंटर ऑफ एक्लीलेंस गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ.राजदीप सिंह झाला ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में अल्पेश मकवाणा, महेंद्र मकवाणा, अबूबकर शेख, पार्थ उपाध्याय, प्रतीक वाघाणी, विपुल डांगर, जयराज सिंह रायजादा, गुरुपूरबसिंह टांक, तेजस पंड्या, और दिव्यराज सिंह झाला शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर भावनगर जिले के निवासी हैं वहीं महेंद्र मकवाणा बोटाद जिले का रहने वाला है।
पकड़े गए 10 आरोपियों में मुख्य आरोपी भावनगर जिले का वडला निवासी दिव्यराज सिंह झाला है जो दुबई में बैठे साइबर ठग गिरोह (चीनी गिरोह) के साथ सीधे संपर्क में रहता था। ठगे गए पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने के लिए वॉलेट एड्रस देता था। अबूबकर शेख और पार्थ उपाध्याय ये दोनों बैंक के कर्मचारी हैं, जो इस गिरोह को देशभर से साइबर ठगी के जरिए बैंक अकाउंट में जमा हुए रुपयों को निकालने में मदद करते थे। अल्पेश, महेंद्र, प्रतीक, विपुल, जयराज ठगी के लिए बैंक अकाउंट उपलब्ध कराते थे और जमा हुए पैसों को अकाउंट से निकालते हैं। तेजस, गुरुपूरबसिंह, जयराज ठगी से मिले पैसों को क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट करने, उसे दुबई में बैठे लोगों तक पहुंचाने में मदद करते थे।
पकड़े गए आरोपियों के विरुद्ध 26 राज्य, 6 केन्द्र शासित प्रदेश में साइबर ठगी के 1594 मामले दर्ज हैं। महाराष्ट्र में 300, तमिलनाडु में 203, कर्नाटक में 194, तेलंगाना में 128, गुजरात में 97, केरल में 91, उत्तर प्रदेश में 88, दिल्ली में 74, आंध्रप्रदेश में 64, पश्चिम बंगाल में 60, राजस्थान में 42 तथा अन्य राज्यों में 253 मामले दर्ज हैँ।
जांच में सामने आया कि निजी बैंक की भावनगर ब्रांच में खोले गए 110 अकाउंट में से 87 में साइबर ठगी के पैसे जमा हुए। देशभर में इन अकाउंट विरुद्ध 147 शिकायतें दर्ज हैं। जिन 110 अकाउंट से पैसे जमा हुए, उनके विरुद्ध देशभर में 1447 मामले दर्ज हैं, जिनमें 719 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने का आरोप है। यह पैसे इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, यूपीआई फ्रॉड, डिपॉजिट फ्रॉड, लोन फ्रॉड, पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड, टास्क फ्रॉड के जरिए ऐंठे गए।