अहमदाबाद

चार साल की बच्ची की नाक में डेढ़ माह से फंसा रबर का स्पंज निकाला

एंडोस्कोप की मदद से निकाला, माता-पिता के लिए चेतावनी का मामला राजकोट. शहर के एक इएनटी अस्पताल में अनोखा मामला सामने आया। जामनगर निवासी चार वर्षीय बच्ची जिनल तरबड़ा की नाक में डेढ़ महीने से फंसा रबर का स्पंज एंडोस्कोप की मदद से निकाल दिया गया। ध्रोल तहसील के सुधाघुना गांव निवासी जिनल पिछले डेढ़ […]

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एंडोस्कोप की मदद से निकाला, माता-पिता के लिए चेतावनी का मामला

राजकोट. शहर के एक इएनटी अस्पताल में अनोखा मामला सामने आया। जामनगर निवासी चार वर्षीय बच्ची जिनल तरबड़ा की नाक में डेढ़ महीने से फंसा रबर का स्पंज एंडोस्कोप की मदद से निकाल दिया गया। ध्रोल तहसील के सुधाघुना गांव निवासी जिनल पिछले डेढ़ महीने से अपने बाएं नाक से दुर्गंधयुक्त की समस्या से परेशान थी।
जिनल के पिता रमेश ने बताया कि कई दवाई दी, जांच करवाकर रिपोर्ट निकलवाई, सीटी स्कैन भी कराया। इसके बावजूद समस्या का कारण पता नहीं चल पाया। बच्ची की सर्दी भी ठीक नहीं हो रही थी।
अंततः बच्ची को लेकर वे राजकोट के इएनटी सर्जन डॉ. हिमांशु ठक्कर के अस्पताल पहुंचे। डॉ. ठक्कर ने जांच करवाई। एंडोस्कोपी से पता लगा कि बच्ची की नाक में बहुत अंदर एक रबर का डेढ़ गुणा डेढ़ सेंटीमीटर का स्पंज फंसा हुआ है। उन्होंने एंडोस्कोप की मदद से मात्र कुछ ही मिनटों में स्पंज निकाल दिया, जिससे बच्ची को राहत मिली।

श्वासनली में फंसता तो हो सकता था खतरा

डॉ. ठक्कर के अनुसार, बच्चे खेलते-खेलते अक्सर कान, नाक और गले में कोई न कोई वस्तु डाल देते हैं, जिससे कई बार गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। माता-पिता के लिए चेतावनी के समान यह मामला है। उन्होंने कहा कि यदि यह रबर का स्पंज नाक से नीचे गले में उतरकर श्वासनली में फंस जाता तो जान का खतरा भी हो सकता था।

सर्दी ठीक न हो तो तुरंत लें सलाह

डॉ. ठक्कर कहा कि यदि किसी बच्चे की नाक के एक तरफ से दुर्गंधयुक्त आए, खून आने लगे या दवा लेने के बावजूद सर्दी ठीक न हो तो इसे अनदेखा ना करें। तत्काल इएनटी सर्जन का संपर्क करें। ऐसा नहीं करने पर समस्या कई बार गंभीर हो जाती है। हमें मालूम ही नहीं होता है कि धीरे-धीरे समस्या बढ़ रही होती है। ऐसे मामलों में विशेषज्ञ का संपर्क करने पर जल्द राहत मिल सकेगी।

Published on:
10 Dec 2025 10:34 pm
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