-अहमदाबाद आरटीओ की जूनियर क्लर्क ने स्वीकारे 800 रुपए
Ahmedabad. रिश्वतखोरी के लिए सरकारी अधिकारी व कर्मचारी नए-नए तरीके अपना रहे हैं। नकदी स्वीकारने के साथ अब वे तेजी से चलन में आए क्यूआर कोड का भी उपयोग करने लगे हैं। अहमदाबाद में सोमवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
गुजरात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने अहमदाबाद आरटीओ की जूनियर क्लर्क स्वाति राठौड़ को क्यूआर कोड भेजकर उसके जरिए 800 रुपए की रिश्वत स्वीकारने के आरोप में रंगेहाथों पकड़ा है।एसीबी के तहत उन्हें एक मोटर ड्राइविंग स्कूल चलाने वाले व्यक्ति ने इस बारे में शिकायत दी थी। इसके तहत स्कूल में आने वाले दो लोगों की डुप्लीकेट आरसी बुक पाने के लिए उन्होंने ऑनलाइन चालान के 700 रुपए आरटीओ में भर दिए थे।
आरोप है कि उसके बावजूद भी जूनियर क्लर्क ने उनकी भरी हुई फीस और प्रमाण पत्रों को वैरिफाइ और एप्रूव्ड करने के बहाने से वॉट्सएप पर क्यूआर कोड भेजकर 800 रुपए की रिश्वत मांगी। वे यह राशि नहीं देना चाहते थे, जिससे उन्होंने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी।
इसके आधार पर अहमदाबाद एसीबी के पीआई एन बी सोलंकी की टीम ने सोमवार को आरटीओ कार्यालय सुभाषब्रिज पर जाल बिछाया और जूनियर क्लर्क को शिकायतकर्ता से रिश्वत के संबंध में बातचीत करने और फिर रिश्वत को क्यूआर कोड के जरिए स्वीकारने पर रंगेहाथों पकड़ लिया।