मेघाणीनगर इलाके में विमान हादसे से दहशत में आए कई लोगों को नहीं आती है नींद, हर दिन औसतन 30 फोन आ रहे, हादसे को एक माह पूरा
अहमदाबाद शहर के मेघाणीनगर इलाके में गत 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे को एक माह पूरा हो गया। जिस जगह यह हादसा हुआ है वहां सूखे-काले पेड़ तथा जर्जर इमारतें डरावनी लगती हैं। लोग देखकर यहां सहम जाते हैं।
इलाके में जिन लोगों ने यह हादसा देखा और सुना है उनमें से कई को तो रात में नींद नहीं आने और डर लगने की शिकायत भी है। प्रतिदिन इस इलाके से 15 से 20 लोग तो मानसिक रोग अस्पताल में फोन कर समस्या से उबरने की सलाह ले रहे हैं। अहमदाबाद शहर में से इस तरह के औसतन प्रतिदिन 30 फोन इसी तरह के लोगों के आ रहे हैं।मेघाणीनगर में न सिर्फ हॉस्टल की इमारतें काली और जर्जरित हुई हैं बल्कि वहां उखड़े और सूख गए पेड तथा जगह-जगह काला मलबा भी लोगों को इस दुर्घटना की याद ताजा कराती हैं। इस घटना से सहमे लोगों की मानसिक स्थिति पर विपरीत असर हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप वे निराकरण के लिए मनोचिकित्सकों से संपर्क भी करने लगे हैं। मेघाणीनगर व अन्य इलाकों से मानसिक स्वास्थ्य की हेल्पलाइन टेलिमानस पर इसी के संदर्भ लोग फोन कर रहे हैं। इस हेल्पलाइन पर प्रतिदिन 80 फोन आ रहे हैं जिनमें से 30 इस विमान हादसे से जुड़े हुए हैं।
विमान हादसे के बाद लोग किस कदर सहम गए हैं उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 700 लोगों को काउंसलिंग की जरूरत हो रही है। अहमदाबाद स्थित मेंटल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय चौहाण ने बताया कि जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनकी मनोस्थिति को बनाए रखने के उद्देश्य से मनोचिकित्सक व मनोवैज्ञानिक की टीम घरों पर जाकर विजिट करने लगी है। ऐसे लोगों के घर जाकर उनकी जरूरत के आधार पर काउंसलिंग या उपचार दिया जाएगा।
उनके मुताबिक इन लोगों से आगामी एक वर्ष तक मनोचिकित्सक टीम संपर्क में रहेगी। अधिकांश लोगों में समय के साथ-साथ स्थिति सुधर सकती है फिर भी ज्यादा आघात वाले लोगों का संपर्क लंबे समय तक भी किए जाने की नौबत आ सकती है। डिप्रेशन, एंजाइटी व अनिंद्रा की ज्यादा शिकायत हो सकती है।