आणंद में एनडीडीबी का हीरक जयंती समारोह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि दूध उत्पादन से जुड़े 6.5 करोड़ ग्रामीण परिवार सहकारी क्षेत्र के दायरे से बाहर हैं। उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण उन्हें शोषण का सामना करना पड़ रहा है। डेयरी कारोबार से जुड़े आठ करोड़ ग्रामीण परिवारों में केवल 1.5 करोड़ ही सहकारी क्षेत्र का हिस्सा हैं। उन्होंने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) से यह सुनिश्चित करने को कहा कि डेयरी से जुड़े लोगों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य मिले। सरकार का काम होगा कि आने वाले समय में दूध उत्पादन से जुड़े हुए सभी 8 करोड़ किसान परिवारों को उनकी मेहनत का पूरा पैसा मिले और वे सभी सहकारिता क्षेत्र से जुड़ सकें।शाह ने यह बातें गुजरात के आणंद में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के हीरक जयंती समारोह एवं त्रिभुवनदास पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। इस अवसर पर उन्होंने 300 करोड़ रूपए की लागत से अनेक किसान कल्याणकारी गतिविधियों का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि हम एक लाख नई और मौजूदा डेयरियों को सशक्त करेंगे और इस दूसरी श्वेत क्रांति से मिल्क रूट्स का भी विस्तार होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में श्वेत क्रांति 2.0 की एसओपी जारी की गई है। इसमें पीएम की ओर से बताए गई किसान हितोन्मुखी प्रमुख बातों को शामिल किया गया है। एनडीडीबी की पहल के बाद अब पूरे डेयरी क्षेत्र के सभी संयंत्र भारत में मेक इन इंडिया के तहत बनेंगे।
उन्होंने कहा कि 100 रूपए की शेयर पूंजी से अमूल आज 60 हज़ार करोड़ का सालाना व्यापार कर रहा है। कोऑपरेटिव के उत्पाद की ब्रांडिग कर उसे बाज़ार में खड़ा कर कॉर्पोरेट के साथ स्पर्धा के लिए तैयार करना ही हमारी सफलता है। आज अमूल ब्रांड पूरे विश्व में प्रथम स्थान पर है जो हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। अमूल और एनडीडीबी के उत्पादों में मिलावट नहीं होती है, क्योंकि इन संगठनों के मालिक किसान हैं।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार 2 लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) बनाने जा रही है। यह हमारे सहकारिता के ढांचे को बहुत मज़बूती देगी। इससे सहकारिता और इस क्षेत्र की सभी ईकाईयां मज़बूत होंगी।
उन्होंने कहा कि भारत ने 231 मिलियन टन दूध उत्पादन के साथ अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। हम विश्व में पहले स्थान पर हैं। हमारी दूध उत्पादन की वृद्धि दर 6 फीसदी है जबकि वैश्विक दूध उत्पादन की वृद्धि दर 2 फीसदी है।इस अवसर पर 210 करोड़ रूपए की लागत से मदर डेयरी के फल और सब्जी प्रसंस्करण ईकाई का शिलान्यास किया गया। उत्तराखंड के बद्री घी और मदर डेयरी के गिर घी ब्रांड की भी शुरूआत हुई।