आचार्य महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती पर भारत सरकार के स्मारक सिक्का जारी गांधीनगर. मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने रविवार को जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण से मुलाकात की। कोबा में प्रेक्षा विश्व भारती में 2025 का चातुर्मास कर रहे आचार्य से से सीएम ने आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य से आशीर्वाद व कुछ देर […]
गांधीनगर. मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने रविवार को जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण से मुलाकात की। कोबा में प्रेक्षा विश्व भारती में 2025 का चातुर्मास कर रहे आचार्य से से सीएम ने आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य से आशीर्वाद व कुछ देर तक विभिन्न विषयों पर वार्ता करने के बाद मुख्यमंत्री अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए।
रविवार को आचार्य की सन्निधि में तेरापंथ धर्मसंघ के 10वें आचार्य महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती के संदर्भ में भारत सरकार के 100 रुपए का चांदी का स्मारक सिक्का भी जारी किया गया। आचार्य महाश्रमण की सन्निधि में जैन विश्व भारती के पदाधिकारियों व आरबीआई के क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने सिक्का जारी किया।
वीर भिक्षु समवसरण में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि अपरिग्रह की बात अध्यात्म शास्त्र में प्राप्त होती है। परिग्रह के बिना, पदार्थों के बिना जीवन चलना भी कठिन होता है। साधना के लिए त्याग और संयम की बात होती है। आदमी को ज्यादा मोह, ममता, मूर्छा को कम करने का प्रयास करना चाहिए। जहां तक हो सके परिग्रह का अल्प करने का प्रयास करे, तो गृहस्थ जीवन में अकिंचनता का विकास हो सकता है।
इस अवसर पर जैन विश्व भारती (मान्य विश्वविद्यालय) के वाइस चांसलर बच्छराज दुग्गड़, जैन विश्व भारती के अध्यक्ष धर्मचंद लुंकड़ के अलावा सुनील सिंघी, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक राजेश आदि ने विचार व्यक्त किए।