संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से मंगलवार को घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2023 के फाइनल परिणाम में राजस्थान के बीकानेर की मूल निवासी गरिमा मूंदड़ा ने देश में 80वां स्थान पाया है। सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के खुद घर पर तैयारी करते हुए यह सफलता पाई और […]
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से मंगलवार को घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2023 के फाइनल परिणाम में राजस्थान के बीकानेर की मूल निवासी गरिमा मूंदड़ा ने देश में 80वां स्थान पाया है। सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के खुद घर पर तैयारी करते हुए यह सफलता पाई और अपने परिवार, राजस्थान व गुजरात का गौरव बढ़ाया।अहमदाबाद के मणिनगर इलाके में रहने वालीं गरिमा बताती हैं कि सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के लिए सबसे जरूरी है निरंतरता के साथ पढ़ाई की जाए। यह जरूरी नहीं है कि दिन में 15-16 घंटे पढ़ाई की जाए, लेकिन इतना जरूरी है कि आप 365 दिनों में से 320 दिन लगातार दिन में 8-10 घंटे पढ़ाई करें। इसके साथ खुद के स्वास्थ्य और विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें, क्योंकि एक बार, दो बार, तीन बार प्रयास करने पर भी जब सफलता नहीं मिलती है, तो निराशा होने लगती है। अंत में कुछ भी हाथ नहीं आने का अहसास होता है। ऐसी नकारात्मक भावना से दूर रहना जरूरी है। परीक्षा के लिए विषय ऐसा चुनना चाहिए जिसमें आपकी रुचि हो, उसे लगातार तीन-चार साल पढ़ने की तैयारी हो।
राजस्थान के बीकानेर जिले के नापासर गांव की मूल निवासी गरिमा बताती हैं कि उनके परिवार में कोई सिविल सेवा में नहीं है। वे पहली हैं। उनके व्यवसायी पिता अशोक मूंदड़ा ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया। 2017 में 12वीं बोर्ड की परीक्षा 98.5 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉमर्स कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स किया। उसके बाद 2020 से ही यूपीएससी की तैयारी शुरू की। वे कैंपस प्लेसमेंट में भी शामिल नहीं हुईं। अकाउंटेंसी मुख्य विषय रखते हुए पहले प्रयास में वे प्रिलिम परीक्षा भी पास नहीं कर पाई थीं। दूसरे प्रयास में मुख्य परीक्षा पास नहीं कर पाईं। उन्होंने सोचा था कि यह उनका तीसरा और अंतिम प्रयास होगा, लेकिन तैयारी अच्छी थी तो इस बार प्रिलिम, मुख्य परीक्षा में तो सफल हुई हीं, पहली ही बार में इंटरव्यू भी पास कर लिया। देश में 80 वीं रैंक मिली।
गरिमा बताती हैं कि उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चयनित होने के लिए ही तैयारी की थी। लेकिन पढ़ाई के दौरान उनकी विदेशी मामलों में रुचि बढ़ी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर से वे प्रभावित हैं। भारत जिस प्रकार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि को मजबूत कर रहा है। आगामी समय भारत का आने वाला है। ऐसे में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) का भविष्य उज्जवल होगा, जिससे वे आईएफएस अधिकारी बनने को प्राथमिकता देंगी।