अहमदाबाद. गुजरात यूनिवर्सिटी परिसर में ब्राह्मी लिपि के पहले कैलेंडर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर उपस्थित रहे।शेखावत ने परंपरा और संस्कारों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि हमें बड़ों के मार्ग पर चलना चाहिए। आचार्य ने आत्मा के कल्याण […]
अहमदाबाद. गुजरात यूनिवर्सिटी परिसर में ब्राह्मी लिपि के पहले कैलेंडर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर उपस्थित रहे।
शेखावत ने परंपरा और संस्कारों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि हमें बड़ों के मार्ग पर चलना चाहिए। आचार्य ने आत्मा के कल्याण और जीवन के सदुपयोग को सबसे बड़ी साधना बताया। उन्होंने कहा कि चेहरा नहीं, चरित्र चमकना चाहिए। आत्मा की सुंदरता ही सच्ची सुंदरता है, जो परमात्मा की दृष्टि में आती है। उन्होंने समाज में बढ़ते दिखावे पर चिंता जताते हुए आत्मा की निर्मलता को जीवन का मूल उद्देश्य बताया।