अहमदाबाद

कोकलियर इम्प्लांटके बाद मशीन खराब होने पर दूसरी मशीन भी मिलेगी नि:शुल्क

220 बच्चों को साढ़े पांच करोड़ के खर्च से दी जाएगी निशुल्क मशीनें, सोला सिविल अस्पताल में 100 बच्चों को कॉक्लियर इम्प्लांट- एक्सटर्नल स्पीच प्रोसेसर मशीनें वितरित

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Cochlear Implant

कोकलियर इम्प्लांट के बाद मशीन खराब होने पर दूसरी मशीन भी मुफ्त में दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने अब निर्णय किया है कि मशीन भले ही खराब हा जाए, लेकिन बच्चे के सपने को नहीं टूटने दिया जाएगा। उसे दूसरी बार भी सवा दो लाख रुपए कीमत की यह मशीन निशुल्क प्रदान की जाएगी। शहर के सोला सिविल अस्पताल में 100 बच्चों को कॉक्लियर इम्प्लांट और एक्सटर्नल स्पीच प्रोसेसर मशीनें वितरित करने के अवसर पर उन्होंने यह बातें कहीं।उन्होंने बताया कि जन्मजात बधिरता से पीड़ित बच्चे को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत निःशुल्क कॉक्लियर इम्प्लांट और एक्सटर्नल स्पीच प्रोसेसर मशीन उपलब्ध कराई जाती है। यदि बच्चे की यह मशीन टूट जाए या खो जाए तो फिर से बच्चा अपनी सुनने की शक्ति खो देता है। राज्य सरकार ने अब निर्णय किया है कि मशीन भले ही खराब हा जाए, लेकिन बच्चे के सपने को टूटने दिया जाएगा। उसे दूसरी बार भी सवा दो लाख रुपए कीमत की यह मशीन निशुल्क प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस मशीन की दूसरी फिटिंग और मैपिंग की योजना पर काम चल रहा है, जिसकी लागत 15 लाख रुपए है। कुल 220 बच्चों को 2.5 लाख रुपए कीमती मशीन नि:शुल्क दी जाएगी। 100 बच्चों के बाद 120 बच्चों को भी जल्द मशीन दी जाएगी। इसमें लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी निजी अस्पताल में पहली बार मशीन लगाई जाती है तो उनसे कुल लागत का 10 प्रतिशत शुल्क लेकर यह मशीन दूसरी बार भी लगाई जाएगी।

...ताकि बधिरता न बने बाधा

मंत्री ने कहा कि एक बच्चे का सपना वैज्ञानिक, इंजीनियर बनना और अच्छा करियर बनाकर अपने परिवार और देश की सेवा करना होता है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी बधिरता ऐसे सपनों में बाधा न बने इस लिए यह व्यवस्था की गई है। सोला सिविल अस्पताल में ऑडियोलॉजी विभाग में चिकित्सा अध्ययन के लिए बुनियादी ढांचा भी तैयार किया गया है।

चार हजार से अधिक कॉक्लियर इम्प्लांट

सोला सिविल अस्पताल की ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. नीना भालोडिया के अनुसार अब तक अस्पताल में 9000 मरीजों को बहरेपन का इलाज किया। इनमें से 4,000 से अधिक कॉक्लियर इम्प्लांट्स किये जा चुके हैं। यहां ध्वनि रोधी कमरे और स्पीच थेरेपी के लिए अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं। मंत्री ने इस कक्ष का दौरा भी किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव धनंजय त्रिवेदी, अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपिका सिंघल समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

Updated on:
15 May 2025 10:39 pm
Published on:
15 May 2025 10:38 pm
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