अहमदाबाद

IIT Gandhinagar: ड्रोन, एआई तकनीक का समन्वय कपास की पैदावार बढ़ाने में मददगार

आईआईटी गांधीनगर का अहम अध्ययन, स्मार्ट फार्मिंग में जुड़ेगा नया आयाम, किसानों की आय बढ़ाने में उपयोगी। फसल में बीमारी, सिंचाई की जरूरत की जल्द मिलेगी सूचना।

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खेतों में उड़ते ड्रोन अब सिर्फ फसलों पर खाद एवं दवा का छिड़काव करने में ही नहीं बल्कि फसल की पैदावार बढ़ाने में भी मददगार साबित होंगे। इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का समन्वय किसानों की आय बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (आईआईटी गांधीनगर) की टीम के शोध व अध्ययन में इससे जुड़े अहम तथ्य सामने आए हैं। टीम ने इन दोनों तकनीक के समन्वय से स्मार्ट फार्मिंग के लिए वेब आधारित प्लेटफॉर्म विकसित किया है।टीम ने दो खेतों में ड्रोन तकनीक, कंप्यूटर विजन, इमेज प्रोसेसिंग, डाटा एनालिसिस और एआई की मदद से डीएसएलआर शॉ़ट के जरिए 5 हजार फोटो में कपास की फसल की बुवाई से लेकर उसकी कलियां खिलने तक के चक्र को कैद किया।

इनके अध्ययन में पता चला कि खेत के किस हिस्से में पानी देने की जरूरत है, किसमें पौधों को बीमारी लग रही है। कहां खरपतवार के उचित प्रबंधन की जरूरत है। टीम को ड्रोन, कंप्यूटर विजन तकनीक के जरिए स्मार्ट फार्मिंग का वेब आधारित प्लेटफॉर्म और एप्लीकेशन बनाने में मदद मिली। इससे किसान घर बैठे अपने खेत की फसल की देखरेख कर सकता है। आरजीबी एरियल इमेज और इमेज क्लासिफिकेशन, योलो एल्गोरिदम और डिटेक्शन ट्रांसफोर्म से फसल के घने क्षेत्र, खरपतवार और कलियों के खिलने व उनके स्वास्थ्य की बेहतर जानकारी मिलती है।

संस्थान के प्रो.शनमुगनाथन रमन ने कहा कि हल्की गुणवत्ता के फोटो को बेहतर बनाने के लिए जनरेटिव मॉडल का उपयोग किया। जिससे उन्नत फोटो वृद्धि तकनीक विकसित की, जिसे वेब आधारित एप्लीकेशन में सरलता से एकीकृत किया जा सकता है। इससे फसल की निगरानी, उसके प्रबंधन में काफी मदद मिलेगी।

प्रो.सुब्रमणियन संकरनारायणन ने कहा कि एआई और ड्रोन तकनीक का समन्वय इस बात का संकेत देता है कि भविष्य में इसके जरिए कपास की खेती को और बेहतर किया जा सकता है।फसल के विकास चक्र को समझने में उपयोगीप्रो. पंकज खन्ना ने कहा कि ड्रोन तकनीक ऐसा नया उपकरण है, जिसके जरिए लिए गए रियल टाइम फोटो से फसल के विकास चक्र को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है। आईआईटी गांधीनगर का अहम अध्ययन, स्मार्ट फार्मिंग में जुड़ेगा नया आयाम, किसानों की आय बढ़ाने में उपयोगी।

देश का 37 फीसदी कपास गुजरात में होता है पैदा

गुजरात में देश का 37 फीसदी कपास पैदा होता है। 27 फीसदी कपास की बुवाई यहां होती है, जो करीब 26.82 लाख हेक्टेयर है। ऐसे में यह शोध कपास उत्पादन को बढ़ाने में उपयोगी साबित होगा।

Published on:
09 Sept 2024 10:32 pm
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