राज्य में कूड़े का वैज्ञानिक निपटान तथा सूखे-गीले कूडे के पृथक्करण जैसी व्यवस्थाओं के चलते मिला तमगा
Ahmedabad : गुजरात के 13 हजार से अधिक गांवों को ओडीएफ मॉडल गांव का दर्जा मिला है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर शौचालय निर्माण, कूड़े के वैज्ञानिक निपटान तथा सूखे-गीले कूड़े के पृथक्करण जैसी व्यवस्थाओं का परिणाम है। यह उपलब्धि न केवल स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का प्रमाण है, बल्कि ग्रामीण समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और जनभागीदारी का सशक्त उदाहरण भी है।स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गुजरात ने अब तक लगभग 68.70 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया है जिससे ग्रामीण जीवन में उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। गांवों में घर-घर शौचालय, सूखे-गीले कचरे का पृथक्करण और उसके वैज्ञानिक निपटान की व्यवस्था से स्वच्छता का स्तर ऊंचा हुआ है। इसके परिणामस्वरूप राज्य के 13 हजार से अधिक गांवों को ओडीएफ मॉडल गांव घोषित किया गया है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है।
महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में अभियान की शुरुआत की थी। गुजरात में जनभागीदारी और सरकारी प्रयासों से 2 अक्टूबर 2019 को राज्य को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया था।राज्य के ग्राम विकास मंत्री कुंवरजी बावळिया और राज्य मंत्री संजयसिंह महीड़ा ने फेज-2 के तहत ठोस-तरल कचरा प्रबंधन, सामूहिक कम्पोस्ट पिट, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण जैसी व्यवस्थाएं लागू की।
गोबरधन प्रोजेक्ट के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक ऊर्जा, स्वच्छ वातावरण और रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
व्यक्तिगत शौचालय योजना की आवेदन प्रक्रियायोजना के तहत लाभार्थी ग्राम पंचायत कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद संबंधित विभाग के कर्मचारी स्थल पर जाकर सत्यापन करते हैं और मंजूरी देते हैं। मंजूरी मिलने पर लाभार्थी की ओर से निर्माण की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है और उसके बाद स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।