अहमदाबाद

आवारा श्वानों की आवाजाही पर रोक के लिए सार्वजनिक परिसरों में होंगे नोडल अधिकारी

हर शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, खेल परिसर, बस स्टैंड, डिपो, रेलवे स्टेशन पर होंगे नियुक्त

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Ahmedabad: शहर में सार्वजनिक जगहों पर भटकते श्वानों की आवाजाही को रोकने के लिए अहमदाबाद महानगरपालिका नोडल अधिकारी नियुक्त करने के आदेश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देशों के बाद शहर के सभी ज़ोन, उप-ज़ोन, कार्यालयों और संस्थानों को आदेश दिया है कि वे तुरंत नोडल अधिकारी नियुक्त करें। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि सार्वजनिक परिसरों में आवारा कुत्तों का प्रवेश और ठहराव रोका जाए।देशभर में बढ़ते डॉग-बाइट मामलों को रोकने और आवारा श्वानों की जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए उठाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे। इसके मद्देनजर अब अहमदाबाद में हर शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, खेल परिसर, बस स्टैंड, डिपो और रेलवे स्टेशन में नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे।

मनपा के अनुसार सभी विभाग अगले पांच दिन के भीतर नियुक्ति आदेश मनपा के पशु उपद्रव नियंत्रण विभाग (सीएनसीडी) को भेजें। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे श्वानों को परिसर में प्रवेश से रोकें और अनधिकृत फीडिंग स्पॉट हटाएं। निगम ने स्पष्ट किया है कि इन निर्देशों का पालन अनिवार्य है।महानगर पालिका ने अपने सभी जोन, विभागों, स्कूलों, अस्पतालों, खेल परिसरों और अन्य मनपा नियंत्रित संस्थानों को निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कड़ाई से पालन किया जाए।

आदेश का पालन नहीं करने पर जिम्मेदारी संस्था-अधिकारी की

प्रत्येक संस्था तुरंत नोडल अधिकारी नियुक्त करे। परिसर में कहीं भी आवारा कुत्तों की गतिविधि दिखाई देने पर नोडल अधिकारी तुरंत सीएनसीडी विभाग को सूचित करे। महानगर पालिका ने स्पष्ट किया है कि आदेश का पालन नहीं करने पर जिम्मेदारी संबंधित संस्था या अधिकारी की होगी।

अहमदाबाद में 2 लाख से अधिक आवारा श्वान

मनपा के सीएनसीडी विभाग के आंकड़ों के अनुसार शहर में 2.10 लाख से अधिक स्ट्रीट डॉग (आवारा श्वान) हैं। देखा जाता है कि अनेक सार्वजनिक जगहों पर स्ट्रीट डॉग पहुंचते हैं। साथ ही कभी-कभी इन जगहों पर श्वानों के हमले तथा डॉग बाइट के मामले भी सामने आते हैं।---वर्जन...

पालतू श्वानों का किया जा रहा है रजिस्ट्रेशन

शहर में आवारा श्वानों के अलावा लगभग 50 हजार पालतू श्वान भी हैं। श्वानों के हमले और डॉग बाइट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए मनपा की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया एक जनवरी 2025 से जारी है। इसके तहत नागरिक अपने श्वानों का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों पर कार्रवाई भी होगी। यह प्रक्रिया 200 रुपए प्रति श्वान की शुल्क से शुरू की गई थी लेकिन अब लोग 2000 रुपए भी रजिस्ट्रेशन की एवज में चुका रहे हैं।

नरेश राजपूत, अध्यक्ष, सीएनसीडी, मनपा

Published on:
02 Dec 2025 10:40 pm
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