अहमदाबाद

गुजरात कांग्रेस की लीडरशिप में दो ग्रुप, इन्हें अलग-अलग करने पर ही बनेगा जनता से मजबूत रिश्ता: राहुल गांधी

जनता की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रही कांग्रेस, जिम्मेदारी वहन करने की दी नसीहत, कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद

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Rahul Gandhi

गुजरात कांग्रेस लीडरशिप में दो तरीके के लोग हैं। इनमें एक जनता के साथ खड़ा है, उनके लिए लड़ता है। जनता की इज्जत करता है और ये लोग कांग्रेस की विचारधारा वाले हैं। दूसरे ग्रुप के लोग जनता की इज्जत नहीं करते, उसमें से आधे भाजपा से भी मिले हुए हैं। इनको अलग-अलग नहीं करने तक जनता कांग्रेस पर विश्वास नहीं करेगी।यह बात लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी #Rahulgandhi ने शनिवार को शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करते हुए कहीं।दो दिवसीय गुजरात दौरे के दूसरे दिन उन्होंने कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए कहा कि गुजरात में कांग्रेस जनता को रास्ता नहीं दिखा पा रही है। यदि पार्टी गुजरात की जनता का सम्मान करती है, तो साफ करना पड़ेगा कि पिछले 25-30 वर्षों से इस कार्य में पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाने में असमर्थ रही है। यदि यह नहीं बोला जाएगा तो गुजरात की जनता के साथ पार्टी का कभी रिश्ता नहीं बन पाएगा।

गुजरात की जनता विपक्ष चाहती है, बी टीम नहीं

उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता, छोटे-बड़े व्यापारी, किसान, मजदूर, विद्यार्थी, विपक्ष और विकल्प चाहते हैं, बी टीम नहीं चाहते। अब उनकी जिम्मेदारी दोनों ग्रुप को अलग-अलग करना है। पार्टी के नेताओं की कमी नहीं है। जिला स्तर, ब्लॉक स्तर पर सीनियर स्तर के के नेता हैं।..तो 30-40 नेता को निकाल देना चाहिएराहुल ने कहा कि गुजरात की जनता से रिश्ता बनाना है, तो दो काम करने हैं। जो दो ग्रुप हैं, उनमें से उस ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी, जो पार्टी में रहकर भाजपा के लिए काम करते हैं। यदि 30-40 लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए। जीतने हारने की बात छोड़ कर सीनियर नेताओं के दिल में कांग्रेस की विचारधारा होनी चाहिए। यह प्रोजेक्ट एक दो साल नहीं बल्कि अगले 50 वर्ष का है।

सबको नए विजन की जरूरत

उन्होंने कहा कि गुजरात की रीढ़ छोटे, मध्यम व्यापारी हैं। सभी को नए विजन की जरूरत है। पिछले 20-25 वर्ष से चल रहा विजन अब फेल हो गया है। गुजरात की जनता को नया विजन कांग्रेस आसानी से दे सकती है, लेकिन यह विजन भी तब तक नहीं दिया जा सकता जब तक दो ग्रुप के लोगों को अलग नहीं किया जाता। गुजरात की जनता के बीच में जाकर उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए।

जिम्मेदारी पूरी होने तक नहीं रखनी चाहिए अपेक्षा

राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात की जनता से चुनाव जिताने की अपेक्षा तब तक नहीं रखनी चाहिए तब तक कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करें। जिस दिन हमने अपनी जिम्मेदारी पूरी की उसी समय से जनता अपने आप ही समर्थन देगी। राहुल ने कहा कि दो दिन के दौरे पर कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बहुत सारी बातें बताईं हैं।

डराती, धमकाती है गुजरात सरकार: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि कार्यकर्ताओं, नेताओं ने कहा कि यहां सरकार किस तरह से डराती और धमकाती है। इन सभी के बीच यह तो निश्चित है कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यह दौरा महज कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं था बल्कि गुजरात के युवाओं , किसानों, छोटे बिजनेसमैन और महिलाओं की समस्याओं को सुनने के लिए था।

गुजरात ने ही दिया था कांग्रेस को नेतृत्व

राहुल गांधी ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान कांग्रेस पार्टी भले ही भारतीय जनता का नेतृत्व कर रही थी, लेकिन उस दौरान पार्टी अपना नेतृत्व ढूंढ रही थी। उस समय महात्मा गांधी के रूप में गुजरात ने ही पार्टी को वास्तविक नेतृत्व दिया था। उस नेतृत्व ने सोचने, लड़ने, जीने का तरीका दिया। इस नेतृत्व के बिना कांग्रेस पार्टी देश को आजादी नहीं दिलवा पाती। सरदार पटेल के रूप में दूसरा नेतृत्व भी गुजरात ने ही दिया था। कांग्रेस के पांच प्रमुख नेताओं में से दो गुजरात ने दिए थे।

वोटों के लिहाज से कमजोर नहीं विपक्ष

राहुल गांधी के अनुसार विपक्ष के पास गुजरात में 40 प्रतिशत वोट है। उन्होंने दो वोट में से एक कांग्रेस का है। यदि यह वोट पांच प्रतिशत बढ़ जाए तो बात वहीं खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में 22 फीसदी वोट बढ़ाए थे लेकिन यहां महज पांच प्रतिशत की जरूरत है। ये वृद्धि करना उस समय तक आसान नहीं है जब तक दो ग्रुप के लोगों को अलग नहीं किया जाता।

Published on:
08 Mar 2025 10:32 pm
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