खेड़ा जिले की घटना, परिजनों ने लगाया आरोप, थकान और काम के दबाव को बताया कारण आणंद. खेड़ा जिले में नवापुरा प्राथमिक स्कूल में प्राचार्य रमेश परमार (55) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे बीएलओ के रूप में कार्यरत थे। परिजनों का आरोप है कि बीएलओ की ड्यूटी का अत्यधिक बोझ […]
आणंद. खेड़ा जिले में नवापुरा प्राथमिक स्कूल में प्राचार्य रमेश परमार (55) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे बीएलओ के रूप में कार्यरत थे। परिजनों का आरोप है कि बीएलओ की ड्यूटी का अत्यधिक बोझ और लगातार यात्रा करने के कारण उनकी मौत हुई। परिजनों के मुताबिक पिछले पखवाड़े से बीएलओ की जिम्मेदारी के कारण वे लगातार तनाव में थे और रात-रात भर जागकर काम करना पड़ता था।उन्होंने बताया कि रमेश बुधवार देर रात तक मतदाता सूची सुधार का काम करके घर लौटे थे। थकान और काम के दबाव के चलते उन्होंने खाना भी नहीं खाया और सो गए, लेकिन वे सुबह उठे ही नहीं। परिजनों ने उन्हें तुरंत बायड के एक निजी अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने बताया कि रमेश की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
मृतक खेड़ा जिले की कपड़वंज तहसील के जांबुडी गांव के रहने वाले थे। जांबुडी से उनकी ड्यूटी का स्थान नवापुरा प्राथमिक स्कूल 48 किलोमीटर दूर है। इस कारण रोजाना बाइक से करीब वे 96 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करते थे। परिजनों का मानना है कि लगातार तनाव, रातभर जागना और बाइक से लंबी दूरी तय करने के कारण उनकी मौत हुई। प्राचार्य के निधन के बाद स्कूल में छात्रों और शिक्षकों ने दो मिनट का मौन रखा और शिक्षण कार्य बंद रखा गया।