इस ठगी में आरोपियों के खिलाफ दर्ज हैं डेढ़ हजार से अधिक मामले गिरफ्तार आरोपियों में सूरत के पांच, दाहोद का एक शामिल
Ahmedabad : देश के अलग-अलग राज्यों के नागरिकों को लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाकर दुबई भेजने और इन्हीं खातों के जरिए देशभर में साइबर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा होने के बाद और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गांधीनगर सीआइडी क्राइम की साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस टीम ने यह कार्रवाई की। इस अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क के जरिए अब तक करीब 804 करोड़ रुपये की ठगी की जा चुकी है। इस मामले में अब तक 1549 साइबर अपराध दर्ज हुए हैं।
सीआइडी क्राइम के पुलिस महानिदेशक डॉ. के एल एन राव, डीआईजी परिक्षिता राठौड़ समेत पुलिस के उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश यह कार्रवाई की जा रही थी। इसके तहत फ्रॉड मामले में लिप्त मिले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों में सूरत के कमलेश सेन, सागर सेन, साजेब खेराणी, सोहिल वढवाणिया, आमीन भायाणी तथा दाहोद जिले के देवगढ बारिया निवासी राहुल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से छह मोबाइल फोन भी मिले।जांच में सामने आया है कि आरोपी लोगों को लालच देकर उनके नाम पर नए बैंक खाते खुलवाते थे, फिर उनकी बैंक किट और सिम कार्ड दुबई भेज दिए जाते थे। दुबई में बैठे ठग इन खातों का उपयोग कर देश के विविध भागों में लोगों को अपना शिकार बनाते थे। पूछताछ में सामने आया है कि ये आरोपी डि़जिटल अरेस्ट, निवेश, यूपीआइ, लोन , डिपॉजिट के नाम पर फ्रॉड करते थे। इस गिरोह में शामिल ये लोग इतने शातिर हैं कि ठगी से प्राप्त रुपयों को अलग अलग खातों में ट्रांसफर कराते थे।
मुख्य आरोपी से नजदीक थे ये सभी
पकड़े गए सभी छह आरोपी इस केस के मुख्य आरोपी आमिर हालाणी के नजदीक थे। साजेब, सोहिल तथा आमीन स्क्रैप के कारोबार की आड़ में लगभग 200 से ज्यादा ट्रक स्क्रैप की हेराफेरी के मामले में भी लिप्त हैं। इस स्क्रैप की कीमत लगभग 20 करोड़ रुपए बताई गई है। ये आरोपी मुख्य सरगना आमिर के निर्देश पर काम करते थे। कमलेश सेन तथा सागर सेन ने 270 बैंक खाते खुलवाए और 300 सिमकार्ड मुख्य आरोपी हालाणी तक पहुंचाए थे। आरोपी राहुल कुमार ने बैंक खाते में जमा राशि को भेजने में भूमिका निभाई थी, इसके बदले उसने एक फीसदी कमीशन लिया था।