अहमदाबाद

गुजरात में आज रंग-बिरंगी पतंगों से अटा दिखेगा आसमान

-गृह मंत्री अमित शाह भी उड़ाएंगे पतंग-हवा के अनुकूल रहने के आसार, देर रात तक बाजारों में खरीददारी, ट्रैफिक जाम से जूझे लोग

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अहमदाबाद शहर सहित राज्यभर में मंगलवार को हर्ष और उल्लास के साथ उत्तरायण का पर्व मनाया जाएगा। 14 जनवरी को लोग सुबह से लेकर शाम तक छतों पर पतंगबाजी का लुत्फ उठाते नजर आएंगे, इसके चलते गुजरात का आसमान रंग बिरंगी पतंगों से अटा नजर आएगा।

पतंग, डोर , चश्मा, टोपी की खरीदी के लिए सोमवार की देर रात तक रायपुर दरवाजा, ढालगरवाड, दिल्ली दरवाजा पतंग बाजारों में लोगों की भारी भीड़ रही। इसके चलते इन इलाकों में लोगों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा।

आज 15-20 किमी की रफ्तार से चलेगी हवा

मौसम विज्ञान केन्द्र अहमदाबाद के निदेशक डॉ.अशोक कुमार दास ने बताया कि मंगलवार को दिन भर 15 से लेकर 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। यह माहौल पतंगबाजी के लिए काफी अनुकूल है। ऐसे में पतंगबाजी में लोगों को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। हालांकि दोपहर के समय हवा की रफ्तार थम सकती है, जिससे लोगों को पतंगबाजों को थोड़ी निराशा हो सकती है। लेकिन कुल मिलाकर हवा पतंगबाजी के लिए अनुकूल रहने के आसार हैं।

केन्द्रीय गृहमंत्री शाह कार्यकर्ताओं संग उड़ाएंगे पतंग

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी हर साल की तरह इस साल भी उत्तरायण के दिन 14 जनवरी को अहमदाबाद में रहेंगे। वे शहर में कार्यकर्ताओं के साथ पतंगबाजी का लुत्फ उठाएंगे। सुबह मेमनगर इलाके में पतंग उड़ाएंगे, उसके बाद दोपहर को राणीप और फिर साबरमती इलाके में कार्यकर्ताओं के साथ पतंगबाजी करेंगे।

उंधियू-जलेबी का भी स्वाद चखेंगे

गुजरात के लोग खाने-पीने के काफी शौकीन हैं। ऐसे में उत्तरायण पर्व पर वे उंधियू और जलेबी का भी स्वाद चखेंगे। इसके अलावा तिल के लड्डू, तिल और मूंगफली की चिक्की का भी लुत्फ उठाएंगे।

दान-पुण्य का भी होता है विशेष महत्व

उत्तरायण का पर्व यानि मकरसंक्रांति पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। ऐसे में लोग सुबह के समय छतों पर पतंग उड़ाने जाने से पहले मंदिरों में जाकर दर्शन करेंगे। गायों को चारा खिलाने के साथ दान भी करेंगे।

चाइनीज, ज्यादा कांच लेपित डोर का न करें उपयोग

राजस्थान पत्रिका अपने पाठकों से अपील करती है कि वह पतंगबाजी के त्योहार का लुत्फ तो उठाएं, लेकिन इसके लिए चाइनीज डोर और ज्यादा कांच लेपित डोर का उपयोग न करें। यह डोर न सिर्फ पक्षियों के लिए ही नहीं बल्कि लोगों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है। वाडज इलाके में 2010 से वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर चलाने वाले कार्यकर्ता कमलेश व निखिल सरोज ने बताया कि त्योहार के समय औसतन 25-30 पक्षी डोर से घायल हो जाते हैं। इसमें से 15 के करीब पक्षी पेड़ों पर फंसी रहने वाली डोर से घायल होते हैं। आज दो पक्षी डोर से जख्मी हुए।

Published on:
13 Jan 2025 11:12 pm
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