ऑनलाइन ठगों का पैंतरा: बैंक ऋण के लिए पहले ‘गूगल’ से लिए नम्बर, फिर वीडियो कॉलिंग के दौरान किया स्क्रीन शेयर
अजमेर. किसी की बातों में आकर वीडियो कॉल पर मोबाइल फोन की स्क्रीन शेयर के आइकॉन पर आप क्लिक कर रहे हैं तो बड़ी गलती कर रहे हैं। इससे जालसाज ना केवल आपकी स्क्रीन देख सकता है बल्कि स्क्रीन पर की जाने वाली तमाम एक्टिविटी, पासवर्ड और जानकारी आसानी से हासिल कर सकता है।
स्क्रीन शेयरिंग से धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाले जालसाज ने दो दिन पहले नसीराबाद में तैनात आर्मी के एक जवान को अपना शिकार बनाया। सेना का जवान स्क्रीन शेयरिंग के चक्कर में 52 हजार रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो गया। जालसाज ने उसके बैंक खाते से 52 हजार रुपए की नकदी ट्रांसफर कर ली। मामले में पीडि़त ने टोल फ्री नम्बर 1930 व साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई है।
नसीराबाद में तैनात सेना के जवान शेर सिंह (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसने एसबीआई से लोन पर बाइक लेने के लिए बैंक का गूगल से नम्बर लिया। गूगल से पता चले नम्बर पर कॉल करने के बाद कॉलर ने ऑनलाइन लोन की प्रक्रिया के लिए दूसरे साथी को मोबाइल थमा दिया। जालसाज के दूसरे साथी ने उसे वीडियो कॉल पर बातों में उलझा स्क्रीन शेयर का ऑप्शन क्लिक करा बैंक खाते की जानकारी मांगी। उसने मोबाइल स्क्रीन से उसकी तमाम जानकारियां हासिल कर ली। तभी उसके बैंक खाते से 52 हजार रुपए की निकासी हो गई।
जवान ने निकासी के मैसेज के बाद बैंक खाता ब्लॉक करवा दिया। जिससे रकम की निकासी रुक गई। पीडि़त ने बताया कि जालसाज ने स्क्रीन शेयरिंग के दौरान उसके बैंक खाता संख्या और पासवर्ड भी देख लिया। पीडि़त ने 1930 के साथ साइबर पोर्टल Cybercrime.gov.in पर शिकायत की।
स्क्रीन शेयरिंग भी ‘एनी डेस्क’ की तरह जालसाजी का पैंतरा है। वीडियो कॉल के दौरान आइकॉन क्लिक करते ही मोबाइल फोन की स्क्रीन शेयर हो जाती है। फिर स्क्रीन पर किया जाने वाले तमाम काम सामने वाले को दिखाई देता है। अनजान व्यक्ति से किसी भी एप या तकनीक के इस्तेमाल में सावधानी बरतना चाहिए।-रणवीर सिंह, एएसआई साइबर सेल