अजमेर

ज्ञानवापी के बाद अजमेर दरगाह को लेकर मचा बवाल, दरगाह में शिव मंदिर का दावा, इस दिन होगी सुनवाई

Ajmer Dargah controversy: ज्ञानवापी के बाद अब अजमेर दरगाह को लेकर विवाद जारी है।

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Sep 26, 2024

अजमेर की स्थानीय अदालत में ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह विवाद पर कुछ ही दिनों बाद 10 अक्टूबर को सुनवाई होने वाली है। दिल्ली के सरिता विहार निवासी विष्णु गुप्ता की याचिका में दावा किया जा रहा है कि दरगाह परिसर में कभी एक वक्त संकट मोचन शिव मंदिर हुआ करता था। याचिका में मांग की गई है कि दरगाह का भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण से सर्वे करवाया जाए, फिर परिसर में हुए अतिक्रमण को हटाया जाए और आखिर में इसे मंदिर घोषित करके पूजा करने का अधिकार दिया जाए। याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता खुद को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हैं।

ये है मामला

अयोध्या और काशी में मुगलकाल में मंदिर तोड़े जाने के दावे के बाद अब अजमेर में शिव मंदिर के स्थान पर ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह बनाने का दावा सामने आया है। अजमेर के न्यायालय में दावा किया गया है कि अजमेर के दरगाह परिसर को ‘भगवान संकट मोचन महादेव विराजमान मंदिर’ घोषित कर पूजा-पाठ की अनुमति दी जाए। दरगाह कमेटी के कब्जे को हटाने की मांग भी की गई है।

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली निवासी विष्णु गुप्ता ने मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में वाद दायर किया, जिसे सुनवाई के लिए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या तीन न्यायालय में भेजा गया और उसमें जज नहीं होने के कारण मामला अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो की कोर्ट में गया।

यह आपत्ति आई सामने

न्यायालय प्रशासन ने जब पत्रावली की जांच की तो सामने आया कि कोर्ट फीस मुंसिफ मजिस्ट्रेट न्यायालय स्तर की जमा कराई है, इसलिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट यानि सिविल जज वरिष्ठ खंड में सुनवाई नहीं हो सकती। बुधवार दोपहर वकील शशी रंजन सिंह ने कहा कि वह सैशन कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर क्षेत्राधिकार संबंधी आपत्ति को दूर करना चाहते हैं, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई 10 अक्टूबर तक टाल दी।

दावा- मंदिर के मलबे से बना बुलंद दरवाजा

दावे में अजमेर दरगाह परिसर को प्राचीन समय में शिव मंदिर होना बताया है। परिसर में जैन मंदिर होना भी बताया। वाद में अजमेर निवासी हरविलास शारदा की वर्ष 1911 में लिखित पुस्तक हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रप्टिव का हवाला देकर दावा किया है कि मौजूदा 75 फीट ऊंचे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे का इस्तेमाल किया गया।

कमेटी, एएसआइ को बनाया प्रतिवादी

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के वकील शशि रंजन कुमार सिंह के जरिए वाद दायर किया है। इसमें कहा कि वादी विष्णु गुप्ता संकट मोचन महादेव मंदिर विराजमान व इसके संरक्षक मित्र हैं। वाद में दरगाह कमेटी व अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को प्रतिवादी बनाया है।

Updated on:
23 Oct 2024 02:31 pm
Published on:
26 Sept 2024 04:07 pm
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