अजमेर

 डिजिटल ऐप नहीं होने से एडीए की सुस्त चाल, फाईलों-कागजों का जंजाल !

– रिकॉर्ड ऑनलाइन होने का दावा, फिर भी टेबलों पर पत्रावलियों के ढेर अजमेर. ई फाइलिंग और डिजिटल ऐप के दौर में अजमेर विकास प्राधिकरण रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। प्राधिकरण का डिजिटल ऐप तैयार नहीं होने से आज भी भूमि की स्थिति जानने के लिए ब्ल्यू प्रिंट ही देखने की मजबूरी है। भूमि […]

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Jul 20, 2024
ada ajmer

- रिकॉर्ड ऑनलाइन होने का दावा, फिर भी टेबलों पर पत्रावलियों के ढेर

अजमेर. ई फाइलिंग और डिजिटल ऐप के दौर में अजमेर विकास प्राधिकरण रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। प्राधिकरण का डिजिटल ऐप तैयार नहीं होने से आज भी भूमि की स्थिति जानने के लिए ब्ल्यू प्रिंट ही देखने की मजबूरी है। भूमि की किस्म, प्रयोजन आदि की जानकारी के लिए कागजों में उलझना पड़ता है। ई प्रणाली के तहत एडीए ने सभी फाईलें ऑनलाइन करने के दावे किए हैं लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं। कार्यालय में पत्रावलियों से ही कामकाज चलाया जा रहा है।

अधिकारियों की हां-ना भी नहीं ऑनलाइन

ई फाइलिंग के दावों के बावजूद नियमन, पट्टा, आवंटन आदि की जानकारी के लिए संबंधित विभाग में जाकर फाईल का पता लगाना पड़ता है। कई बार रिकार्ड अपडेट नहीं होने से पत्रावली ढूंढना मुश्किल हो जाता है। अधिकांश कार्य ऑफ लाइन हो रहा है। फाईलों के अंबार पटवारी कक्ष, निर्माण, इंजीनियरिंग व आवंटन आदि विभागों में अधिकारियों की टेबल पर देखे जा सकते हैं।

कई विभागोें में घूमती है पत्रावली

प्राधिकरण में पत्रावली कई विभागों से गुजरती है। आवेदकों का कहना है कि उन्हें अपनी फाईल पता करने में घंटों लग जाते हैं। यूं एडीए में एकल खिड़की व्यवस्था है लेकिन हालात उससे मेल नहीं खाते। पत्रावली नियमन, निर्माण, आवंटन, इंजीनियरिंग, पटवार शाखा आदि से होकर गुजरती है। इस प्रक्रिया से गुजरने में ही कई माह और साल लग जाते हैं।

अधिकारियों का कहना है कि फाईलें ऑनलाइन अपलोड हैं। कुछ पुरानी फाईलें या मूल दस्तावेज की जांच आदि के लिए मूल पत्रावली को देखना पड़ता है।

Published on:
20 Jul 2024 09:53 pm
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