RPSC News: राजस्थान लोक सेवा गलत तरीकों से नौकरी पाने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई कर रहा है। आयोग ने 524 अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षाओं से डिबार कर दिया है।
अजमेर। राजस्थान लोक सेवा गलत तरीकों से नौकरी पाने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई कर रहा है। आयोग ने 524 अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षाओं से डिबार कर दिया है। इनमें फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र, छद्म डिग्री व दस्तावेजों तथा जालसाजी से जुड़े मामले शामिल हैं। जालौर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर के सर्वाधिक अभ्यर्थी शामिल हैं।
सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि 524 संदिग्ध और अपात्र अभ्यर्थियों को आयोग की भर्ती परीक्षाओं से डिबार किया गया है। इनमें से 415 अभ्यर्थियों को आजीवन और 109 अभ्यर्थियों को एक से पांच वर्ष तक की अवधि के लिए डिबार किया गया है। जालौर में सबसे अधिक 128 अभ्यर्थी शामिल हैं। इसके बाद बांसवाड़ा में 81 और डूंगरपुर में 40 अभ्यर्थी शामिल हैं।
514 राजस्थान के विभिन्न जिलों से हैं। यूपी से 5, हरियाणा से 2, दिल्ली-1, बिहार से 1, मध्यप्रदेश से 1
मल्टीपल एसएसओ आइडी से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों पर भी आयोग निगरानी कर रहा है। एक ही परीक्षा के विभिन्न सत्रों में बैठने का प्रयास करने के लिए मल्टीपल आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षाओं से डिबार किया गया है।
फर्जी डिग्री/दस्तावेज: 157 मामले, सर्वाधिक 126 मामले फर्जी बीएड डिग्री के
परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग: 148 मामले, डिबार का सबसे बड़ा कारण
डमी अभ्यर्थी: 68 मामले, खुद स्थान पर अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बिठाया
ब्लूटूथ/मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल: 38 मामले
पेपर/ओएमआर शीट को केंद्र से बाहर ले जाने, अवांछित टिप्पणी ओएमआर शीट से छेड़छाड़: 62 मामले
परीक्षा में बाधा परीक्षा फार्म में गलत सूचना और अन्य: 51 मामले
वन टाइम रजिस्ट्रेशन में 69 लाख 72 हजार 618 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड हैं। इनमें से आधार नंबर से सत्यापित 37 लाख 53 हजार 307 और जन आधार के माध्यम से सत्यापित 21 लाख 70 हजार 253 अभ्यर्थी ही हैं। बकाया 10 लाख 33 हजार 136 अभ्यर्थियों ने एसएसओ आईडी के माध्यम से वन टाइम रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 48 हजार 667 अभ्यर्थियों ने केवाइसी प्रक्रिया पूर्ण की है।
सचिव मेहता ने बताया कि सरकारी नौकरियों में तलाकशुदा महिलाओं के लिए कोटा निर्धारित है। इस आरक्षित कोटे से नौकरी पाने के लिए कई अभ्यर्थियों ने तलाक के फर्जी सर्टिफिकेट बनवाएं है। इसके तहत तलाक की डिक्री दुरभि संधि ( गुप्त या कपटपूर्ण समझौता) से प्राप्त कर तलाकशुदा कोटे में विभिन्न भर्तियों के आवेदन किए हैं। शिकायतों के आधार पर इनकी जांच जारी है। इसके बाद संबंधित एजेंसी की रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी।