-आईजी अजमेर रेंज के हस्तक्षेप से शेष रकम की दिखाई बरामदगी, क्रिश्चियन गंज थाने की भूमिका भी जांच के घेरे में, -प्रशिक्षु आईपीएस अजेय सिंह व एएसपी विजय सिंह को अलग-अलग जांच
अजमेर. प्रॉपर्टी व्यवसायी से हुई 23 लाख रुपए की लूट मामले में क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी, बरामदगी में कथित झोल सामने आने के बाद पुलिस महानिरीक्षक (अजमेर रेंज) राजेन्द्र सिंह ने सहायक उपनिरीक्षक तेजाराम को निलंबित कर दिया। आईजी के हस्तक्षेप से जहां शत-प्रतिशत रकम की बरामदगी सम्भव हो सकी, वहीं अब ना केवल दर्ज मुकदमे में जांच अधिकारी बदल दिया बल्कि पुलिस की लिप्तता की जांच पृथक से करवाई जा रही है।
क्रिश्चियनगंज थाना क्षेत्र में 2 दिसम्बर शाम को हुई लूट की पुलिस जांच संदेह के घेरे में आ गई। आरोप है कि 23 लाख 39 हजार रुपए की लूट मामले में पुलिस ने आरोपियों से साठ-गांठ कर प्रारंभिक तौर पर केवल 12 लाख 60 हजार रुपए की ही बरामदगी दिखाई, जबकि शेष रकम को जानबूझकर छुपाया गया। पीड़ित कमल की फरियाद पर आईजी (अजमेर रेंज) सिंह ने मुकदमे की फाइल तलब कर सवालिया निशान लगाया तो अनुसंधान अधिकारी से लेकर थाना पुलिस खुद-ब-खुद अपने ही बुने जाल में उलझते चले गए।
आईजी सिंह ने क्रिश्चियन गंज थाने के निरीक्षण के दौरान प्रकरण की फाइल तलब कर बरामदगी के आंकड़ों पर सवालिया निशान लगाया। पुलिस ने आनन-फानन में मुख्य आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर बाकि 11 लाख रुपए भी बरामद कर दिए। प्रारंभिक जांच में लापरवाही व संदिग्ध भूमिका सामने आने पर सहायक उप निरीक्षक तेजाराम को निलंबित कर दिया गया। प्रकरण की जांच रेंज कार्यालय में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह को सौंपी गई।
प्रकरण में पुलिस पर आरोप लगा कि अनुसंधान अधिकारी ने आरोपियों को 6 दिसम्बर को हिरासत में ले लिया। मुख्य आरोपी से शत प्रतिशत रकम बरामद कर ली लेकिन गिरफ्तारी में देरी के साथ रकम भी आधी दिखाई गई। बाकि रकम मुख्य आरोपी सुरेन्द्र चौधरी व साथियों द्वारा गुजरात मोरबी में नशे व महंगे शौक पर खर्च करने की कहानी बयां कर दी गई, जबकि पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर भी लिया। पुलिस ने प्रकरण में तिहारी से सुरेन्द्र व साथियों को गिरफ्तार किया था।
आईजी सिंह ने पुलिस अधिकारियों की कारगुजारी की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह को सौंपी है। इसके अलावा लूट के प्रकरण में शेष आरोपियों की गिरफ्तारी और निष्पक्ष अनुसंधान का जिम्मा किशनगढ़ शहर सीओ व प्रशिक्षु आईपीएस अजेयसिंह राठौड़ को सौंपी गई है।
गत 2 दिसम्बर को चौसियावास रोड निवासी कमल अपने मकान की बिक्री से मिली रकम 23 लाख 39 हजार रुपए स्कूटी पर लेकर जा रहे थे। प्रेम प्रकाश आश्रम के पीछे गेट के पास आए 3-4 बदमाशों ने बाइक से रास्ता रोककर उसके साथ मारपीट की और रकम लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने लूट का मामला दर्ज किया, लेकिन जांच के दौरान बरामदगी को लेकर पुलिस की भूमिका विवादों में आ गई।
क्रिश्चियन गंज थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी व्यवसायी से लूट के मामले की जांच मुझे सौंपी गई है। फाइल आज ही मिली है। प्रकरण में निष्पक्ष जांच की जाएगी।- अजेय सिंह, सीओ किशनगढ़ (प्रशिक्षु आईपीएस)