Umesh Pal Hatyakand : अतीक के सांसद बनने के बाद इलाहाबाद शहर पश्चिमी की सीट खाली हो गई थी। उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक के छोटे भाई के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
उमेश पाल और अतीक अहमद की करीब 18 साल पुरानी दुश्मनी है। इस दुश्मनी में शुक्रवार शाम उमेश पाल की हत्या कर दी गई। मशहूर राजूपाल हत्याकांड का उमेश पाल इकलौता गवाह था। उमेश राजूपाल का दोस्त और उनकी पत्नी विधायक पूजा पाल की बुआ का बेटा था।
आपको जानकर हैरत होगी कि कभी राजू पाल बाहुबली अतीक अहमद का दाहिना हुआ करता था। दोस्ती कैसे दुश्मनी में बदली इसे जानने के लिए बाहुबली अतीक अहमद के राजनीतिक पहलुओं पर नजर डालते हैं।
1986 में अतीक ने ली राजनीति में एंट्री
बात करते हैं साल 1986 की। यह पहली बार था जब अतीक अहमद राजनीति में जनता के प्रतिनिधि बने। राजनीतिक गठजोड़ के बाद अतीक का आपराधिक ग्राफ बढ़ने लगा। वह कई बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता भी। 1996 में पहली बार अतीक समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और चौथी बार विधायक बना।
समाजवादी पार्टी से अनबन
इसी बीच सपा और अतीक अहमद के बीच अनबन हो गई। 1999 में अतीक सोनेलाल की पार्टी अपना दल में शामिल हो गया। इस बीच राजू पाल और अतीक अहमद के रिश्ते ठीक न होने की खबर आने लगी। 2004 में एक बार फिर अतीक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया। सपा ने अतीक को लोक सभा के चुनावी मैदान में उतारा।अतीक अहमद फूलपुर के सांसद बना।
जानें उपचुनाव के बाद क्या हुआ
फूलपुर का सांसद बनने के बाद इलाहाबाद शहर पश्चिमी की सीट खाली हो गई। 2004 नवंबर में इस सीट पर उपचुनाव हुआ। इसमें अतीक ने उपने छोटे भाई खालीद अजीम उर्फ अशरफ को उतारा। दूसरी तरफ BSP यानी बहुजन समाज पार्टी ने राजू पाल को टिकट दे दिया। राजू पाल ने इस चूनाव में अतीक के छोटे भाई को 5 हजार वोटों से हरा दिया। जिस सीट पर अतीक अहमद की तूती बोलती थी, अब उस पर राजू पाल विधायक बन चुका था।
अतीक को चुनौती देना बना हत्या का कारण
उपचुनाव में जीतने के बाद राजू और अतीक के संबंध खराब हो गए। नवंबर 2004 में विधायक बने राजू पाल को अभी ठीक से तीन महीने भी नहीं हुआ था। उनके ऊपर दो बार जानलेवा हमला हुआ।
25 जनवरी 2005, इलाहाबाद का हर चौराहा तिरंगे से पटा था। दोपहर 3 बजे इलाहाबाद शहर पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल SRN हॉस्पिटल से निकले थे। साथ में दो गाड़ियां चल रही थीं। क्वालिस और स्कॉर्पियो। राजू पाल काफिले की क्वालिस खुद चला रहा थे। बगल वाली सीट पर रुखसाना को बैठाया था। रुखसाना राजू के दोस्त की पत्नी थी, जो रास्ते में मिल गई थी।
काफिला सुलेमसराय के जीटी रोड पर था, तभी बगल से तेज रफ्तार स्कॉर्पियो राजू पाल की गाड़ी को ओवरटेक करते हुए आगे आ गई। स्कॉर्पियो से पांच हमलावर उतरे। तीन ने राजू पाल की गाड़ी को घेरकर फायर शुरू किया। बाकी दो ने पीछे चल रही स्कॉर्पियो पर फायरिंग शुरू कर दी। हमलावरों को जब लगा कि राजू की सांसें थम गई हैं, तब वे भागे। विधायक राजू जब अस्पताल पहुंचे तो 19 गोलियां लगी थीं। डॉक्टरों ने BSP विधायक राजू पाल को मृत घोषित कर दिया। मामले में राजू की पत्नी पूजा ने अतीक, उसके भाई अशरफ और फरहान पर FIR करवाई।
प्रमाणित नहीं अतीक और राजू के रिश्ते
राजू पाल विधायक बनने से पहले क्या था। अतीक से इसके क्या संबंध थे। इस बारे में पूछने पर प्रयागराज के एक सीनियर क्राइम रिपोर्टर ने बताया कि राजू पाल का अतीक से क्या संबंध था। ये प्रमाणित नहीं है। लेकिन कई जगह राजू पाल को अतीक का राइट हैंड बताया गया था, तो कहीं अतीक का बेहद करीबी।