विभाग ने रोका भुगतान, अध्ययनरत होने का देना होगा प्रमाण पत्र अलवर. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित पालनहार योजना के लाभार्थियों को स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर अध्ययनरत होने का प्रमाण पत्र जमा कराने पर ही राशि का भुगतान किया जाएगा। जिले में इस योजना के तहत 18725 बच्चे पंजीकृत हैं […]
विभाग ने रोका भुगतान, अध्ययनरत होने का देना होगा प्रमाण पत्र
अलवर. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित पालनहार योजना के लाभार्थियों को स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर अध्ययनरत होने का प्रमाण पत्र जमा कराने पर ही राशि का भुगतान किया जाएगा। जिले में इस योजना के तहत 18725 बच्चे पंजीकृत हैं इसमें से 12550 बच्चों ने वर्ष 2025-26 का वार्षिक नवीनीकरण नहीं कराया है जिसके कारण उन्हें भुगतान नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ भुगतान ना होने पर परिजन व बच्चे कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
जुलाई से प्रारंभ हो गया है सत्यापन कार्यशिक्षण सत्र जुलाई 2025-26 का वार्षिक नवीनीकरण माह जुलाई 2025 से प्रारम्भ हो गया है। पालनहार लाभार्थियों को ई-मित्र पर विद्यालय से बना नियमित अध्ययनरत प्रमाण पत्र का नवीनीकरण करवा सकते हैं या फिर पालनहार योजना की मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सत्यापन करवा सकते हैं।उम्र के अनुसार सरकार देती हैं खर्चा
आंगनबाडी केंद्र व स्कूल जाने वाले अनाथ व अन्य श्रेणी के बच्चों का खर्चा सरकार उठाती हैं। प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में प्रारम्भ में 0 से 6 वर्ष तक के बालक/बालिकाओं का आंगनबाडी केंद्र पर जाने वाले बच्चों को 750 रुपए दिए जाते हैं जबकि 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को स्कूल जाने पर 1500 रुपए दिए जाते हैं। जिनके माता पिता दोनों ही नहीं है उनको 18 वर्ष का होने तक 2500 रुपए दिए जाते हैं।सितंबर में होगा पालनहार का वार्षिक नवीनीकरण
विभाग के उपनिदेशक लक्ष्मण सिंह ने बताया कि आवेदक के स्वयं के जीवित होने (बायोमैट्रिक सत्यापन) एवं बच्चों के आंगनबाडी में पंजीकृत व विद्यालय में अध्ययनरत रहने का वार्षिक नवीनीकरण माह सितम्बर में करवाना होगा। पालनहार की ओर से निर्धारित समयावधि के भीतर सत्यापन नहीं करवाने की स्थिति में लंबित शैक्षिणक सत्र के लिए स्थाई रूप से निरस्त कर दिया जाएगा।केस-- 1फुटी खेल निवासी माया सैनी ने बताया कि मैं दोनों पैरों से दिव्यांग हूं। मेरा पालनहार योजना का पैसा लगभग 1 वर्ष से नहीं आया है।मैं विभाग में कई बार जाकर आई हूं लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।केस - 2
शहर निवासी रेखा ने बताया कि पिछले कई माह से मेरे बच्चों का पालनहार योजना का पैसा नहीं आया है, मेरे परिवार में कोई कमाने वाला भी नहीं है, बच्चों की पढाई का खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है।