बीमा के 60 लाख रुपये हड़पने की लालच ने एक युवक को इतना अंधा बना दिया कि उसने अपने ही लापता भाई के नाम पर पॉलिसी कराकर एक निर्दोष व्यक्ति की जान ले ली। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है
बीमा के 60 लाख रुपये हड़पने की लालच ने एक युवक को इतना अंधा बना दिया कि उसने अपने ही लापता भाई के नाम पर पॉलिसी कराकर एक निर्दोष व्यक्ति की जान ले ली। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है, जिसमें तीन आरोपियों ने मिलकर बीमा राशि हासिल करने के लिए सोची-समझी साजिश रची और निर्दोष युवक को मौत के घाट उतार दिया।
अलाहपुर निवासी सुनील कई वर्षों से लापता था। उसके भाई अनिल ने योजनाबद्ध तरीके से सुनील के नाम से कई लाख रुपए की इंश्योरेंस पॉलिसी करा ली। जिसका नॉमिनी वह खुद था। बाद में उसने लापता भाई सुनील से मिलती-जुलती कद-काठी के युवक की तलाश शुरू की। उसे महावीर ढाबे पर तंदूर पर काम करने वाले युवक रामकेश पुत्र राजू की कद-काठी अपने भाई सुनील जैसी लगी।
इस पर उसने अपने ताऊ के लड़के पवन और अपने परिचित याकूब को अपने साथ शामिल किया। तीनों ने राकेश को मारकर सुनील की हत्या का रूप देकर इंश्योंरेंस का पैसा लेकर आपस में बांटने की योजना बनाई। इसके बाद आरोपियों ने रामकेश से दोस्ती बढ़ाई। फिर तीनों आरोपी कार लेकर महावीर ढाबे पर आए और रामकेश को कार में बैठाकर अपने साथ थानागाजी ले गए। वहां रामकेश को नए कपड़े और जूते दिलाए।
इसके बाद रामकेश को शराब पिलाकर श्योदानपुर के पास ले जाकर सड़क पर लिटाकर उसके ऊपर कार चढ़ाकर कर उसकी हत्या कर दी। आरोपियों ने पहचान छुपाने के लिए रामकेश का चेहरा भी कार से कुचल दिया। फिर रामकेश के शव के पास सुनील का आइकार्ड और एक डायरी में खुद के नंबर लिखकर पटककर वहां से चले गए।
पुलिस सड़क पर युवक का शव पड़े होने की सूचना पर श्योदानपुरा पहुंची, तो मौके पर शव के पास मिली डायरी में लिखे नंबर पर संपर्क किया तो आरोपियों ने उसे अपना भाई सुनील बताया। इसके बाद आरोपी शव को अंतिम संस्कार के लिए अलाहपुर ले गए। वहां अंतिम संस्कार के दौरान जल्दबाजी करने लगे।
अंतिम संस्कार में जल्दबाजी पर ग्रामीण और रिश्तेदारों को शक होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की तो पता चला कि शव सुनील का न होकर उसके जैसी कद-काठी वाले रामकेश नाम के युवक का है। वहीं, महावीर ढाबा संचालक और रामकेश के पिता राजू ने भी रामकेश का शव होने की पुष्टि की। जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया, तो उन्होंने सारी सच्चाई उगल दी।
यह मामला लालच, धोखाधड़ी और क्रूरता का है। जहां बीमा के पैसों के लालच में एक निर्दोष की जान ले ली और एक परिवार को हमेशा के लिए तबाह कर दिया।
कोर्ट का फैसले सुनते ही मृतक रामकेश का पिता राजू भावुक होकर रोेने लगा। उसने कहा कि सात साल से मैं अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए भटक रहा था। आज कोर्ट के फैसले से मुझे सच्चा न्याय मिला है। अब मैं मंदिर जाकर भगवान को प्रसाद चढ़ाऊंगा।
अलवर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या- एक धीरज शर्मा ने पवन पुत्र बिलोरी निवासी अलाहपुर थाना मालाखेड़ा और याकूब उर्फ अक्का पुत्र जसमाल निवासी टोडियार थाना सदर को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं, मुख्य आरोपी अनिल पर भी दोषसिद्ध हुआ है।