अलवर में पर्यटकों के लिए जल्द ही एक बड़ा आकर्षण केंद्र बनने जा रहा है। चिड़ियाघर के मास्टर प्लान को सरकार ने मंजूरी दे दी है।
अलवर में पर्यटकों के लिए जल्द ही एक बड़ा आकर्षण केंद्र बनने जा रहा है। चिड़ियाघर के मास्टर प्लान को सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह 104 हैक्टेयर क्षेत्र में बनेगा। यहां 81 प्रजातियों के 443 जानवर देखने को मिलेंगे, जिसमें लुप्तप्राय 13 प्रजातियों के 74 जानवर भी पर्यटक देख सकेंगे। इस प्रोजेक्ट पर 158 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पहले चरण में सरकार 96 करोड़ रुपए देगी। इसका काम वर्ष 2026 में शुरू होगा, जो वर्ष 2029 तक तीन चरणों में पूरा होगा। यह मास्टर प्लान में शामिल किया गया है, जिसे सरकार ने बुधवार को मंजूरी दी है। पीसीसीएफ पवन कुमार उपाध्याय की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया है।
कटीघाटी में चिड़ियाघर बनेगा, जिसमें पहाड़ी व समतल एरिया है। पहाड़ी एरिया में 50 हैक्टेयर में चिड़ियाघर बनाया जाएगा। वहीं, 54 हैक्टेयर में जंगल सफारी बनेगी। जंगल सफारी में कांच रूम भी होगा, जिससे शेर को कांच के जरिए बहुत करीब से देखा जा सकेगा। ऐसा लगेगा कि शेर पास ही खड़ा है। इस पूरे एरिया को 8 जोन में बांटा गया है। यहां जनसुविधाएं 10 तरह की होंगी। 160 अधिकारी व कर्मचारियों का स्टाफ तैनात होगा। हर साल करीब 8 लाख पर्यटक आने की उमीद है।
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मिस्र का गिद्ध भारतीय गिद्ध सफेद पूंछ वाला गिद्ध बगुला सारस ब्लैक हेडेड पेंटेड स्ट्रॉक इंडियन हॉग डियर बारासिंगा
कछुआ मगरमच्छ लीजार्ड सांप इंडियन रॉक पायथन कोबरा नागराज रसेल वाइपर
चिड़ियाघर में 50 रुपए का टिकट लगेगा। लॉयन सफारी का टिकट 300 रुपए का होगा। छात्र चिड़ियाघर में 20 रुपए के टिकट के साथ घूम सकेंगे। जंगल सफारी के लिए उन्हें 50 रुपए देने होंगे। विदेशी पर्यटकों को चिड़ियाघर के लिए 300 रुपए और लॉयन सफारी के लिए 600 रुपए देने होंगे। इस तरह चिड़ियाघर के जरिए 2.32 करोड़ रुपए की आय होगी। लॉयन सफारी के जरिए सालाना 4.44 करोड़ रुपए आएंगे। शाकाहारी सफारी के जरिए 3.33 करोड़ रुपए आएंगे। शाकाहारी सफारी का किराया भी लॉयन सफारी के बराबर ही होगा। इस तरह सरकार को साल में 10 करोड़ 9 लाख रुपए की आय होगी।
चिड़ियाघर व लॉयन सफारी का आनंद देशभर के पर्यटक ले सकेंगे। इस पर काम तेजी से चल रहा है। समय सीमा में कार्य पूरा करवाया जाएगा - संजय शर्मा, पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री