अलवर

Al Qaeda Network: राजस्थान में यहां दी जा रही थी ​’आतंक’ की ट्रेनिंग, पकड़े गए आतंकियों को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे

Al Qaeda Network in Rajasthan: राजस्थान के भिवाड़ी में आतंकियों का प्रशिक्षण सेंटर चलने की खबर से सनसनी फैल गई। पकड़े गए आतंकियों को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

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Aug 23, 2024
भिवाड़ी में सारेकलां का वह जंगल, जहां आतंकियों को दी जा रही थी ट्रेनिंग

Al Qaeda Terror Arrest: अलवर। राजस्थान के भिवाड़ी में अल-कायदा का आतंकी मॉड्यूल पकड़ा गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और भिवाड़ी पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए चौपानकी थाना क्षेत्र के सारेकलां गांव से छह आतंकियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आतंकी स्थानीय नहीं है। उन्हें देश के अन्य राज्यों से लाकर यहां हथियार और गोला-बारूद चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। सारेकलां गांव के जंगल को आतंकी ट्रेनिंग सेंटर के रूप में उपयोग किया जा रहा था।

आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है। क्षेत्र में आतंकियों का प्रशिक्षण सेंटर चलने और छह आतंकियों के पकड़े जाने की खबर से सनसनी फैल गई। आंतकियों को पकड़ने के लिए यूपी और झारखंड में भी छापेमारी की गई है। पकड़े गए आतंकियों की पहचान को छिपाया गया है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पकड़े गए आतंकी, हथियार और अन्य जरूरी सामग्री को जब्त कर अपने साथ ले गई। उक्त क्षेत्र में प्रशिक्षण सेंटर कब से चल रहा था, इस बारे में अभी जानकारी नहीं मिल सकी है। मामला आतंक से जुड़ा होने की वजह से पुलिस उच्चाधिकारी भी उक्त मॉड्यूल के बारे में ज्यादा बताने से बच रहे हैं।

आईजी ने ली बैठक

क्षेत्र में आतंक का इतना बड़ा मॉड्यूल पकड़े जाने के बाद आईजी अनिल कुमार टांक ने बैठक ली। एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी सहित अन्य उच्चाधिकारियों से इस बारे में जानकारी ली। क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निर्देशित किया।

इसलिए भिवाड़ी लगा उपयुक्त

आतंक के प्रशिक्षण के लिए सारेकलां गांव के जंगलों को उपयुक्त समझा गया। यह गांव राजस्थान का अजमेरी नाका पर स्थित अंतिम गांव है। यहां से आगे हरियाणा की सीमा शुरू हो जाती है। साथ ही चारों तरफ दुर्गम जंगल एवं पहाड़ी क्षेत्र है। इधर बाहर से आने वाले आमजन एवं सुरक्षा बलों का मूवमेंट नहीं होता। पूर्व में भी यहां से बाइक चोरी और गोकशी के मामले होते रहे हैं। यहां अपराध करने वाले दो राज्यों की सीमाओं का फायदा उठाकर भाग निकलते हैं लेकिन इस बार मामला बहुत बड़ा और संगीन है।

स्थानीय स्तर पर मिलीभगत

इस मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर भी मिलीभगत होने की आशंका है। आसपास के ग्रामीण पशुओं को चराने जंगल में जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कोई बाहर से संदिग्ध आने पर भी सब उसकी जानकारी रखते हैं। हथियार चलाने की ट्रेनिंग के दौरान होने वाली गोलीबारी से स्थानीय जन कैसे अंजान रह सकते हैं। वहीं आतंक का इतना बड़ा सेंटर स्थानीय सहयोग के बिना संचालित होना मुश्किल है। इस तरह मामले में पुलिस स्थानीय नेटवर्क को जोड़ने का प्रयास कर रही है।

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