अलावड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की अव्यवस्थाएं एक बार फिर सामने आईं, जब देर रात बेहोशी की हालत में लाई गई महिला को उपचार नहीं मिल सका।
अलावड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की अव्यवस्थाएं एक बार फिर सामने आईं, जब देर रात बेहोशी की हालत में लाई गई महिला को उपचार नहीं मिल सका। परिजनों का आरोप है कि रात 12 बजे जब भारती (महिला) को लेकर पहुंचे, तब अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। केवल स्टाफ मिला, जिन्होंने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि “डॉक्टर नहीं है, मरीज को रामगढ़ ले जाओ।”
स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता शशीकांत शर्मा ने मौके पर मौजूद मेल नर्स अशोक से ड्यूटी डॉक्टर के बारे में पूछा तो उसने अनभिज्ञता जताई। मामले की सूचना पहले सीएमएचओ और फिर बीएमओ डॉ. अमित राठौड़ को दी गई, जिसके बाद रेफर स्लिप जारी की गई। महिला को रामगढ़ सीएचसी ले जाया गया, जहां उपचार मिलने पर उसकी हालत में सुधार आया।
गौरतलब है कि पीएचसी को छह वर्ष पूर्व सीएचसी में अपग्रेड किया गया था, लेकिन तब से अब तक यहां इमरजेंसी सेवाएं शुरू नहीं हो सकीं। न तो डॉक्टरों की रात्रिकालीन ड्यूटी सुनिश्चित है और न ही आवश्यक मशीनें—सीबीसी और एक्स-रे जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अलावड़ा, चौमा, तिलवाड़, मानकी सहित कई गांवों की निर्भरता इसी सीएचसी पर है, लेकिन बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र सुधार नहीं हुए तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।