Alwar News: प्रशासन, यूआईटी व नगर निगम मास्टर प्लान 2051 के मुताबिक बाजारों में आगामी समय में भारी वाहनों का प्रवेश सीमित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इससे बाजार में भीड़ नहीं होगी।
Alwar News: पुराने शहर के अन्दर वाणिज्यिक क्षेत्रों ने मुय व्यापारिक केंद्र का दर्जा हासिल कर लिया है, लेकिन कुछ थोक व्यापार गतिविधियां अगले 26 साल में दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी है। प्रशासन, यूआईटी व नगर निगम मास्टर प्लान 2051 के मुताबिक बाजारों में आगामी समय में भारी वाहनों का प्रवेश सीमित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इससे बाजार में भीड़ नहीं होगी। बाजार पैदल मार्ग के रूप में विकसित होगा। थोक व्यापार में मशीनरी, ट्रांसपोर्ट कारोबार व टिबर व्यवसाय आदि शामिल हैं। पुराने शहर के विकास व बाजार को जाम मुक्त करने का अब तक का यह सबसे बड़ा प्लान माना जा रहा है। इससे यातायात प्रबंधन बेहतर होगा।
पुराने शहर के अन्दर के वाणिज्यिक क्षेत्र मुय शहरी व्यावसायिक क्षेत्र के रूप में कार्य करेंगे। इस क्षेत्र से कुछ थोक व्यापार गतिविधियां जैसे लौह एवं मशीनरी व्यवसाय, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय, टिबर मार्केट, थोक फल एवं सब्जी मंडी आदि वाणिज्यिक गतिविधियों को अन्यत्र स्थानान्तरित किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इससे क्षेत्र में भारी वाहनों का प्रवेश सीमित होगा। यातायात में सुधार हो सकेगा। पुराने जनाना अस्पताल के शिट होने के फलस्वरूप उपलब्ध स्थल व्यावसायिक क्षेत्र के रूप में योजनाबद्ध रूप से विकसित किया जाएगा। मुय बाजार, घंटाघर से होप सर्कस, बजाजा बाजार में वाहनों का प्रवेश रोककर इसे पैदल बाजार के रूप में विकसित जाएगा। शहरी केंद्र करीब 62 हेक्टेयर का होगा।
अलवर शहर का भावी विकास मुख्यतः दिल्ली रोड के उत्तर में प्रस्तावित है, यह क्षेत्र पुराने शहर के अन्दर स्थित मुय व्यावसायिक केन्द्र से काफी दूर हो जाएगा। इसी को ध्यान में रखकर भू-उपयोग योजना में सूर्य नगर के उत्तर-पूर्व में बाइपास रोड पर 20 हेक्टेयर में एक उप शहरी केन्द्र प्रस्तावित किया गया है।
यहां पर वाणिज्यिक गतिविधियों के अलावा सामुदायिक भवन, स्वास्थ्य केन्द्र, अग्निशमन केन्द्र, पुलिस स्टेशन, स्थानीय कार्यालय, पुस्तकालय आदि जन सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। यह इस क्षेत्र का प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र होगा।
यूआईटी ने जिस तरह से स्टील कारोबार नेमी चंद मार्केट में शिफ्ट किया। उसी तरह पत्थर, टिंबर, कांच, एल्यूमिनियम, टेक्सटाइल्स कारोबार भी शिट करना चाहिए। मास्टर प्लान में शामिल किए गए प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए प्रशासन व यूआईटी तेजी से आगे बढ़ें ताकि जनता को सुविधाएं समय पर मिल सकें। मूर्तिकला में भी पत्थर कारोबार को पूरी तरह शिट करना चाहिए। इससे रेलवे स्टेशन मार्ग खाली होगा। उसके चौड़ीकरण से जाम की समस्या दूर हो जाएगी। - धर्मेंद्र शर्मा, रिटायर्ड एसई यूआईटी