अमान्य प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे लिपिकों पर एक्शन की तैयारी चल रही है। पंचायती राज विभाग ने सभी जिला परिषदों के सीईओ को पत्र जारी कर कहा है कि कोर्ट के स्टे पर नौकरी कर रहे ऐसे लिपिकों के खिलाफ न्यायालय में मजबूत तथ्य पेश करें
अमान्य प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे लिपिकों पर एक्शन की तैयारी चल रही है। पंचायती राज विभाग ने सभी जिला परिषदों के सीईओ को पत्र जारी कर कहा है कि कोर्ट के स्टे पर नौकरी कर रहे ऐसे लिपिकों के खिलाफ न्यायालय में मजबूत तथ्य पेश करें ताकि स्टे खारिज हो सके और उन्हें नौकरी से हटाया जा सके।
विभाग की उपविधि परामर्शी रेखा चौधरी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रो. यशपाल बनाम छत्तीसगढ़ राज्य प्रकरण में पारित निर्णय के बावजूद अमान्य प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त कनिष्ठ लिपिकों की ओर से विभिन्न न्यायालयों से स्थगन प्राप्त कर रखा है। ऐसे प्रकरणों में न्यायालयों में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर अंतरिम आदेशों को खारिज करवाएं ताकि फर्जीवाड़ा करने वालों पर एक्शन हो सके।
मालूम हो कि लिपिक भर्ती-2013 के तहत प्रदेशभर में भर्तियां की गई थीं। अलवर में भी तीन चरणों में भर्ती हुई। कई केस फर्जीवाड़े के सामने आ चुके। कुछ को कोर्ट से स्टे मिला है। ऐसे में अब उनके खिलाफ प्रार्थना पत्र कोर्ट में जिला परिषद को दाखिल करने होंगे।