अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल टाइगर हैबीटेट (सीटीएच) के नए ड्राफ्ट पर सरकार जल्द आपत्तियां मांगने की तैयारी कर रही है।
अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल टाइगर हैबीटेट (सीटीएच) के नए ड्राफ्ट पर सरकार जल्द आपत्तियां मांगने की तैयारी कर रही है। हालांकि अभी सेंचुरी का निर्धारण नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि ड्राफ्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। आपत्तियों का समाधान सरकार अपने स्तर पर करेगी। उसके बाद राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड में प्रस्ताव भेजा जाएगा।
सरिस्का सीटीएच प्रकरण पर सुनवाई 8 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी। पूर्व में हुई सुनवाई में सरकार ने कोर्ट में कहा था कि वह सेंचुरी के निर्धारण के साथ-साथ सीटीएच पर भी आपत्तियां मांगेगी और उनका समाधान करते हुए ही यह प्रस्ताव लाया जाएगा। करीब एक माह पहले कोर्ट के आदेश आए थे। उसी क्रम में अब आपत्तियां मांगने पर काम हो रहा है। ड्राफ्ट के मुताबिक सीटीएच एरिया 42 वर्ग किमी बढ़ाकर 924.49 वर्ग किमी किया गया है। पहले यह 881 वर्ग किमी था।
सरकार सीटीएच ड्राफ्ट पर आपत्तियां मांगेगी, उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। जानकारों का कहना है कि सरकार ड्राफ्ट में बदलाव की मंशा नहीं रखती। ऐसे में बंद हुई 55 खानों के खुलने का रास्ता अभी बचा हुआ है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह अपने पुराने आदेश में बदलाव नहीं करेगा।
सरिस्का से रिटायर्ड डीसीएफ राकेश शर्मा ने कहा कि पुराने ड्राफ्ट पर आपत्तियां मांगने के बाद यदि सरकार ने संबंधित लोगों को संतुष्ट नहीं किया, तो फिर मामला कोर्ट पहुंचेगा। ऐसे में सरकार को पहले ही सब चीजें ठीक कर लेनी चाहिए, अन्यथा फिर से सरकार की किरकिरी हो सकती है। बैकफुट पर आना पड़ सकता है। अब सेंचुरी का निर्धारण इस तरह हो, जिससे वन्यजीवों को ही लाभ मिले। माइनिंग एरिया के बारे में सोचा गया तो, वन्यजीवों को नुकसान हो सकता है।