अलवर

बिजली का भारी-भरकम बिल, स्वास्थ्य विभाग की जेब खाली..मरीज बेहाल

बिजली के भारी भरकम बिल स्वास्थ्य विभाग की जेब खाली कर रहे हैं। अकेले अलवर जिले के 21 सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के बिजली बिलों पर सालाना सवा करोड़ रुपए खर्च हो रहा है। इसमें अलवर शहर के जिला अस्पताल का बिजली खर्च अलग है।

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Apr 27, 2024

उमेश शर्मा

अलवर. बिजली के भारी भरकम बिल स्वास्थ्य विभाग की जेब खाली कर रहे हैं। अकेले अलवर जिले के 21 सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के बिजली बिलों पर सालाना सवा करोड़ रुपए खर्च हो रहा है। इसमें अलवर शहर के जिला अस्पताल का बिजली खर्च अलग है। जिला अस्पताल और जनाना अस्पताल का बिजली खर्च हर महीने करीब 22 लाख रुपए आ रहा है। इतना बिजली बिल चुकाने के बाद भी सीएचसी और पीएचसी पर हाल अच्छे नहीं हैं। गर्मियों में न पंखों की सही व्यवस्था है और न ही वार्डों में कूलर चलाए जाते हैं। इस वजह से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।इन बिलों का भुगतान सरकार की ओर से बिजली और पानी के मद में जारी फंड से किया जाता है। जब फंड की कमी होती है तो राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी (आएमआरएस) इस पैसे का भुगतान करती है। जिले के सीएचसी और पीएचसी का हर महीने औसतन से 20 हजार से एक लाख रुपए तक बिजली बिल आ रहा है। इसमें रामगढ़, अकबरपुर, लक्ष्मणगढ़, कठूमर और थानागाजी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का बिजली बिल 50 हजार से साढ़े तीन लाख रुपए के बीच है।

231 के पास भवन नहीं

सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की बात करती है, लेकिन अलवर के 513 में से 231 अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों के पास खुद का भवन नहीं है। ये किराए के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। इनमें एक उप जिला चिकित्सालय, 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 39 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 174 उप स्वास्थ्य केंद्र बिना भवन के चल रहे हैं। 11 भवन बिलकुल जर्जर हालत में हैं। वहीं 67 को मरम्मत की जरूरत है।

स्वास्थ्य केंद्र--बिल

रामगढ़ ब्लॉक सीएचसी-75000

गोविंदगढ़ ब्लॉक सीएचसी-100000लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक सीएचसी-45000

खेरली एसडीएच-22000कठूमर सीएचसी-50000

राजगढ़ ब्लॉक सीएचसी-350000रैणी ब्लॉक सीएचसी-35000

थानागाजी ब्लॉक सीएचसी-50000अकबरपुर सीएचसी-70000

मालाखेड़ा-45000

Published on:
27 Apr 2024 12:31 pm
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