रोकना चाह रहे थे दुर्घटनाएं, पर अब बढ़ रही अधिक आशंका। सड़क सुरक्षा अभियान के तहत अति दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों में बने स्पीड ब्रेकर को संशोधित करने की मांग।
मालाखेड़ा. स्टेट हाईवे 25 पर भूगोर तिराहे से मालाखेड़ा बाइपास तक दो अति संवेदनशील संभावित दुर्घटनाग्रस्त स्थानों पर बनाए गए नए स्पीड ब्रेकर ही हादसे का कारण बनते नजर आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है कि इन्हें निर्धारित मापदंडों से अधिक ऊंचाई में बना दिया। यहां ऊंची पट्टी बनाए जाने से यहां से गुजरते वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं।
तीन पट्टी में बनाए गए स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई अधिक होने से यहां से गुजरते समय वाहन उछलते हैं तथा हिचकोले खाते हुए डगमगा जाते हैं। वाहन का संतुलन बिगड़ जाने से आसपास से गुजरते अन्य वाहनों से भिड़ने या पलटने का खतरा बन जाता है। वाहन चालकों व लोगों का कहना है कि स्पीड ब्रेकर की पट्टी के बीच में कुछ डामरीकरण होना जरूरी है। इससे वाहन उछले नहीं ओर हिचकोले भी नहीं खाए। हालांकि स्पीड ब्रेकर से वाहन गुजरते समय उसकी स्पीड धीमी ही रहती है, लेकिन निकलने में भारी परेशानी हाेती है।
सड़क सुरक्षा अभियान के तहत किया था निर्णय
सड़क सुरक्षा अभियान के चलते परिवहन विभाग, प्रशासन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, रिडकोर कंपनी के संयुक्त रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्र पर मनन चिंतन वह चर्चा के दौरान ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया, जहां अधिक दुर्घटना घटित होती है। वहां पर स्पीड ब्रेकर बनाने का निर्णय किया गया, जिससे कि ऐसे स्थान पर दुर्घटनाएं कम हो। इसी उद्देश्य से एक फैक्ट्री के सामने तथा मालाखेड़ा बाइपास से आगे पेट्रोल पंप से पहले तीन पट्टी में स्पीड ब्रेकर बनाया गया है। पट्टी की ऊंचाई अधिक होने से यहां से गुजरने वाले साधन हिचकोले खाने लगते हैं। इस पर लोगों ने कुछ कंक्रीट डामरीकरण उनके बीच में करवाने की मांग की है।
व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी
सड़क सुरक्षा अभियान के चलते अति दुर्घटना संभावित स्थानों पर विचार-विमर्श किया गया। ऐसे दो स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाने का निर्णय किया गया। इसी के चलते यह नए स्पीड ब्रेकर बनाए गए है। जिससे दुर्घटना संभावित क्षेत्र पर दुर्घटना से बचा जा सके। फिर भी नए स्पीड ब्रेकर से कहीं कोई परेशानी है तो वहां पर उसे देखकर सफेद लाइनिंग व अन्य व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
पंकज मोडगील, क्षेत्रीय प्रशासक, रिडकोर कंपनी।