Sariska Tiger Reserve: सीईसी ने दिल्ली में की सुनवाई, सर्वे पर कार्रवाई नहीं होने पर जताई नाराजगी, कलक्टर से मांगा जवाब
Sariska: सरिस्का टाइगर रिजर्व, नाहरगढ़ व जमवारामगढ़ सेंचुरी जयपुर के कोर, बफर व इको सेंसेटिव जोन में चल रहे व निर्माणाधीन होटलों पर कार्रवाई न होने पर सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी ने नाराजगी जाहिर की। वन विभाग के अफसरों से जवाब मांगा तो उन्होंने प्रशासन के पाले में गेंद रख दी।
इस दौरान पूर्व में अवैध होटलों के सर्वे की रिपोर्ट सीईसी सदस्यों को दिखाई गई तो उन्होंने गुस्सा जाहिर किया। कहा यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने सरिस्का सेंचुरी से 10 किमी के दायरे में बने होटल, रेस्टोरेंट व अन्य कॉमर्शियल गतिविधियों को बंद करने के निर्देश दिए। बिना राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति के चल रही कलसीकला की तीन खानों को भी बंद करने के आदेश दिए गए।
नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने प्रशासन की 4 माह पुराने सर्वे की रिपोर्ट खोलकर रख दी। इस पर वन विभाग से जवाब मांगा तो अधिकारियों ने कहा कि यह राजस्व बफर एरिया है, इसलिए प्रशासन को कार्रवाई करनी थी। इस पर जिला कलक्टर से जवाब मांगा है। याचिका में जिन होटलों के नाम दिए हैं, उनसे जवाब लेकर आगे की कार्रवाई के आदेश वन विभाग को दिए हैं।
नाहरगढ़ सेंचुरी में लगातार होटल बनते देख सीईसी ने कहा, यह गलत हो रहा है। वन एवं वन्यजीव कैसे सुरक्षित रहेंगे। इस पर नाहरगढ़ सेंचुरी से जुड़े वन विभाग के अफसर जवाब नहीं दे पाए। सीईसी ने कहा, सभी होटलों से उनके अभिलेख लें और जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाएं। इस दौरान सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक संग्राम सिंह, डीएफओ अभिमन्यु सहारण, जयपुर के डीएफओ जगदीश गुप्ता आदि रहे।
सीईसी के समक्ष हमने सभी तथ्य रखे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक-दो दिन में आने वाला है। ऐसे में दायर यह वाद उसमें जुड़ जाएगा और होटलों पर जो भी कार्रवाई के आदेश होंगे, वह संबंधित प्रशासन करेगा।
संग्राम सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, सरिस्का टाइगर रिजर्व