रामगढ़ विधानसभा सीट से लंबे समय तक एक मिथक जुड़ा रहा। इस सीट से कांग्रेस के जुबेर खान की जीत होने पर भाजपा की सरकार बनती और भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा के जीतने पर कांग्रेस की सरकार बनती।
अलवर.
रामगढ़ विधानसभा सीट से लंबे समय तक एक मिथक जुड़ा रहा। इस सीट से कांग्रेस के जुबेर खान की जीत होने पर भाजपा की सरकार बनती और भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा के जीतने पर कांग्रेस की सरकार बनती।
मगर 2013 में यह मिथक टूटा। भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा विधायक बने और राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी। इसके बाद 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। हालांकि जुबेर खान के साथ यह मिथक बरकरार रहा। प्रदेश में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में वे रामगढ़ से विधायक बने, लेकिन कांग्रेस की सरकार चली गई।
पिछले दो चुनावों से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 2018 में इस सीट पर बसपा प्रत्याशी के निधन की वजह से 2019 में उप चुनाव हुए, जिसमें पहले कांग्रेस की साफिया जुबेर को जीत मिली। इसी तरह 2023 के विधानसभा चुनाव में जुबेर खान ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। अब उप चुनावों पर सभी की नजर है।
रामगढ़ उप चुनाव की तैयारी को लेकर पांच अक्टूबर को अलवर शहर में कांग्रेस ने बड़ी बैठक की है। इसमें सभी विधायकों को बुलाया गया है। साथ ही विधानसभा प्रत्याशी व कई बड़े नेता भी इस बैठक में शामिल होंगे। कांग्रेस की ओर से रामगढ़ चुनाव के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। यह कमेटी अपना फीडबैक भी देगी। प्रत्याशी चयन, प्रचार सहित कई मुद्दों को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी।
भाजपा ने भी रामगढ़ सीट पर जीत के लिए तैयारी तेज कर दी है। प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने रामगढ़ में कार्यकर्ताओं और प्रबुद्धजनों की बैठक ली थी। संगठन स्तर पर भी यहां अंदरूनी फीडबैक लिया जा रहा है। भाजपा इस सीट पर जीत को आतुर नजर आ रही है।